Satyendar Jain : दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की याचिका पर ED को भेजा नोटिस, डिफॉल्ट बेल पर मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येन्द्र जैन (Satyendar Jain) की डिफॉल्ट बेल मांगने वाली एक याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येन्द्र जैन (Satyendar Jain) की डिफॉल्ट बेल मांगने वाली एक याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया है। सत्येन्द्र जैन ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के 15 मई के आदेश को चुनौती दी है, जिसने उन्हें मामले में डिफॉल्ट बेल देने से इनकार कर दिया था।
सत्येन्द्र जैन ने जमानत याचिका दायर की
दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में डिफॉल्ट बेल देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। जैन ने अपनी याचिका में दलील दी है कि ईडी वैधानिक अवधि के भीतर सभी मामलों में जांच पूरी करने में विफल रही, इसलिए उन्हें डिफॉल्ट बेल दी जाए।
जैन ने याचिका में क्या दलीलें दीं
जैन ने आगे कहा कि अभियोजन की शिकायत, जो सभी मामलों में पूरी नहीं है, सीआरपीसी की धारा 167 (2) के प्रावधानों के तहत आवेदक को डिफॉल्ट बेल के अधिकार से वंचित करने के प्रयास में दायर की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि यह कानून की स्थापित स्थिति है कि जब जांच लंबित हो तो चार्जशीट दाखिल करने का इस्तेमाल डिफॉल्ट बेल के अधिकार को खत्म करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
जांच पूरी होने पर ही चार्जशीट दाखिल की जानी चाहिए। जब जांच लंबित हो तो पीएमएलए मामले में अधूरी चार्जशीट या शिकायत दर्ज करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आरोपी के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
यह सीआरपीसी की धारा 167 (2) के तहत डिफॉल्ट बेल के अपरिहार्य अधिकार को नकारता है। इसलिए, भले ही चार्जशीट दायर की गई हो, जब जांच पूरी नहीं हुई हो तो पीएमएलए मामले में एक आरोपी भी डिफॉल्ट जमानत का हकदार होगा।
बता दें कि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
पिछले साल 6 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आवेदक (सत्येन्द्र जैन) एक प्रभावशाली व्यक्ति है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की क्षमता रखता है। इस स्तर पर आवेदक को पीएमएलए की दोहरी शर्तों को पूरा करने के लिए नहीं रोका जा सकता है।
2 साल से जेल में हैं जैन
गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। 17 नवंबर 2022 को ट्रायल कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी का मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्तियां हासिल की थीं, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके।