पूरा पैसा दीजिए; दिल्ली सरकार को फटकार लगा SC ने दी एक दिन की मोहलत
वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर में लागू ग्रैप-4 की पाबंदियों में सुप्रीम कोर्ट ने ढील दे दी है। अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि सभी पंजीकृत श्रमिकों को 8-8 हजार रुपए दिए जाएं, जिन्हें अभी केवल 2-2 हजार रुपए दिए गए हैं।
वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली-एनसीआर में लागू ग्रैप-4 की पाबंदियों में सुप्रीम कोर्ट ने ढील दे दी है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने पाबंदियों के दौरान निर्माण कार्यों पर रोक की वजह से श्रमिकों को आर्थिक सहायता देने का आदेश दिया था। इस पर ठीक से पालन नहीं होने की वजह से सर्वोच्च अदालत ने नाराजगी जाहिर की। अदालत ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि सभी पंजीकृत श्रमिकों को 8-8 हजार रुपए दिए जाएं, जिन्हें अभी केवल 2-2 हजार रुपए दिए गए हैं। कोर्ट ने सरकार को एक दिन की मोहलत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री को शेष राशि एक दिन के भीतर श्रमिकों के खातों में भेजने को कहा है। अदालत ने कहा कि श्रमिकों को भूखा मरने के लिए नहीं छोड़ सकते हैं। अदालत ने अधिक निर्माण श्रमिकों की पहचान में विफलता को लेकर भी सवाल खड़े किए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि तुरंत श्रमिक संगठनों से बैठख करने को कहा ताकि आर्थिक सहायता पाने के लिए श्रमिक खुद को पंजीकृत करा सकें। इसी तरह का आदेश एनसीआर में शामिल राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भी दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार के साथ सीएक्यूएम को जीआरएपी-चार के प्रतिबंधों में ढील देने की अनुमति दी। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई में और सुधार होने तक सीएक्यूएम को जीआरएपी-3 से कुछ अतिरिक्त उपायों को शामिल करने का सुझाव दिया। न्यायालय ने सीएक्यूएम को निर्देश दिया कि यदि एक्यूआई 350 को पार कर जाए तो चरण 3 लागू किया जाए और यदि एक्यूआई 400 को पार कर जाए तो जीआरएपी का चरण चार लागू किया जाए।