Hindi Newsएनसीआर न्यूज़private telecom company two employees held in Gurugram for providing phone numbers to fraudsters of China and Indonesia

चीन के ठगों को मुहैया कराते थे फोन नंबर, गुरुग्राम में निजी टेलिकॉम कंपनी के दो कर्मचारी दबोचे

गुरुग्राम साइबर पुलिस ने गृह मंत्रालय की मदद से चीन और इंडोनेशिया के जालसाजों को ठगी के लिए फोन नंबर मुहैया करवाने के आरोप में एक निजी टेलिकॉम कंपनी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान नीरज वालिया और हेमंत शर्मा के रूप में हुई है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, गुरुग्राम। हिन्दुस्तानSat, 11 Jan 2025 07:40 AM
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गुरुग्राम साइबर पुलिस ने गृह मंत्रालय की मदद से चीन और इंडोनेशिया के जालसाजों को ठगी के लिए फोन नंबर मुहैया करवाने के आरोप में एक निजी टेलिकॉम कंपनी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान नीरज वालिया और हेमंत शर्मा के रूप में हुई है। दोनों ही यूपी के बागपत के टटीरी के रहने वाले हैं।

गुरुग्राम साइबर पुलिस, गृह मंत्रालय और इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दोनों को पकड़ा है। आरोपियों के खिलाफ गुरुवार को साइबर थाना पूर्व में धारा 318(4), 319, 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपी नीरज कंपनी में साइट सत्यापन का काम करता है और आरोपी हेमंत उसकी टीम का नेतृत्व करता है। हेमंत सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत है। आरोप है कि करीब एक हजार लैंडलाइन नंबर जारी किए गए थे। कंपनी को इन नंबरों के एवज में करीब 8 से 10 लाख रुपये हर माह बिल के रूप में प्राप्त होते थे। आरोपी बीते काफी समय से जालसाजों के संपर्क में थे और डिमांड के अनुसार रुपये लेकर धड़ल्ले से नंबर मुहैया करवा रहे थे।

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एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि साल 2024 में एक शिकायतकर्ता द्वारा थाना साइबर अपराध पूर्व को शिकायत दी गई थी। शिकायत में बताया कि उसके पास गुरुग्राम के लैंडलाइन नंबर से कॉल प्राप्त हुई, जिसमें उसे पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया गया। आरोपियों द्वारा पीड़िता को टेलिग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया। उसके बाद उसे समीक्षा करने का टास्क देते हुए दो से तीन बार छोटे-छोटे अमाउंट खाते में ट्रांसफर किए गए। फिर उससे निवेश करने के नाम पर अलग-अलग करके रुपये ट्रांसफर कराए गए। उसके बाद इन पैसों को निकालने के लिए और ज्यादा पैसों की मांग की गई।

बिना सत्यापन के दिए गए नंबर : एसीपी साइबर प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता कि आरोपियों ने वारदात में प्रयोग किए गए लैंडलाइन नंबर, डीआईडी नंबर एकमदर्श सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम जारी किए थे। आरोपियों ने कंपनी के बताए पते पर नहीं होने के बावजूद भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों की अवहेलना करके एक हजार से ज्यादा लैंडलाइन नंबर जारी कर दिए। इनमें से 500 के करीब अब भी एक्टिव हैं। ये सभी नंबर नई स्कीम के तहत दिए गए थे।

लैंडलाइन नंबर का इस्तेमाल किया

जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने ठगी करने के लिए लोगों को गुमराह करने के लिए विदेशी नंबर से फोन कर वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल कर लैंडलाइन नंबर से फोन करना शुरू कर दिया। उसके बाद टास्क देने और शेयर बाजार में निवेश करने के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस को अंदेशा है कि जालसाज ठगी करने के लिए वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल कर चीन और इंडोनेशिया से ही फोन करते थे। वहीं जांच में सामने आया है कि कर्मचारियों को हरमन नाम के आरोपी ने ही जालसाजों से मिलवाया था। हरमन को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रिमांड पर लेकर पुलिस उससे अलग-अलग एंगल से पूछताछ की जा रही है।

इंडोनेशिया में भी नंबर उपलब्ध कराते थे

कर्मचारियों के द्वारा गलत तरीके से मुहैया करवाए गए नंबर से जालसाज ठगी करते थे। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों द्वारा फर्जी पते पर रजिस्टर्ड कंपनी एकमदर्श सर्विसेज के ऑपरेशनल मैनेजर के साथ मिलीभगत करके नंबर दिए गए थे। यह नंबर विदेश में बैठे चीन और इंडोनेशिया के ठगों को उपलब्ध करवाते थे।

वॉट्सऐप ग्रुप से भी मिली जानकारी

पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने आपस में एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया हुआ है। कई और कंपनियों को एसआईपी ओवर एडब्ल्यूएस नंबर, डीआईडी नंबर, सीओ, सीपी नंबर, क्लाउड सर्विस के कनेक्शन भी उपलब्ध करवाने की जानकारी मिली है। दोनों आरोपियों के फोन को जब्त करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आगे की जांच करने के लिए पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है।

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