Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Pravesh Vermas reply on Jat reservation, said did not get it because of Kejriwal

जाट आरक्षण पर प्रवेश वर्मा का जवाब, कहा- केजरीवाल की वजह से ही नहीं मिला

  • जाट आरक्षण मामले में केजरीवाल की मांग पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के बाद बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा की प्रतिक्रिया सामने आई है। इससे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के दौर तेज हो गए हैं।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 9 Jan 2025 04:37 PM
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान होते ही आरोप-प्रत्यारोप और चुनावी वादों के ऐलान का शोरगुल तेज हो गया है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग करके एक नया मुद्दा खोल दिया है। जाट आरक्षण पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित के बाद बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा की प्रतिक्रिया सामने आई है।

चुनाव से 25 दिन पहले आई जाटों की याद

केजरीवाल द्वारा किए गए जाट आरक्षण की मांग पर बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने कहा कि अगर इन्होंने जाटों के लिए कोई भी काम किया होता तो आज इनको चुनाव से ठीक 25 दिन पहले जाटों की याद नहीं आती। प्रवेश वर्मा ने कहा कि मैं आपको बताता हूं कि क्या है पूरी कहानी। एक व्यक्ति जो कहता था कि हम तो धर्मनिरपेक्ष हैं और सभी समाजों को साथ लेकर चलना चाहिए, मगर आज उसको जाटों की याद आ रही है। तो ये बात अच्छी तो है, लेकिन सभी जाट लोग समझ चुके हैं कि ये केजरीवाल कितना ज्यादा झूठ बोलते हैं।

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10 साल में एक भी बार नहीं की कोशिश

प्रवेश वर्मा ने कहा कि किसी भी जाति को ओबीसी की सेंटर की लिस्ट में जोड़ने का क्या प्रावधान होता है, मैं आपको बताता हूं। सबसे पहले स्टेट की सरकार अपने पास प्रस्ताव पास करती है और फिर उसे नेशनल ओबीसी कमीशन में भेजती है। बीते 10 सालों में दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल को कई बार विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाने का मौका मिला। इसमें वो मोदी और एलजी को गालियां देते रहे, लेकिन उन्होंने सेंटर की जाट ओबीसी लिस्ट में जातियों को डाला जाए, ऐसा प्रस्ताव एक भी बार पास नहीं किया।

पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत की भी नहीं सुनी

आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने भी केजरीवाल को दो बार चिट्ठी लिखी कि दिल्ली के जाटों को अगर सेंटर लिस्ट में डालना है तो आपको दिल्ली विधानसभा से प्रस्ताव पास करना पड़ेगा, उसके बाद नेशनल ओबीसी कमीशन जनसुनवाई करता है और उसे लिस्ट में डालता है। मगर केजरीवाल ने गहलोत की बात भी नहीं मानी। इसके साथ ही दिल्ली देहात की मांगों को भी नहीं माना। वर्मा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने कई बार विधानसभा के स्पेशल सत्र बुलाए लेकिन कभी भी किसी भी जाति को सेंटर लिस्ट में डालने का रिकमंडेशन नहीं किया। मगर आज वो ये सारी राजनीति कर रहे हैं। ये शर्म की बात है।

केजरीवाल को तो जाटों से बदबू आती है

प्रवेश वर्मा ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल को तो जाटों से बदबू आती है। केजरीवाल के घर में आज तक कभी जाटों की एंट्री नहीं हुई। उन्होंने आज तक डॉ साहिब सिंह वर्मा पर कोई शब्द नहीं बोला। जाटों और किसानों के इतने बड़े नेता का केजरीवाल ने आज तक समाधि स्थल नहीं बनाया।

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