चीन के हमले से उजड़े 2 गांवों को बसा रहे PM मोदी, कहा- 60-70 साल रहे खाली, अब पर्यटन भी होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी पहुंचे। यहां पीएम ने मां गंगा के शीतकालीन निवास स्थल मुखवा में पूजा-अर्चना की। इसके बाद पीएम ने हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी पहुंचे। यहां पीएम ने मां गंगा के शीतकालीन निवास स्थल मुखवा में पूजा-अर्चना की। इसके बाद पीएम ने हर्षिल में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान अत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान किए। पीएम ने चीन सीमा के उन दो गांवों को भी बसाने और वहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की चर्चा की। पीएम ने कहा कि 1962 में चीन के हमले के बाद खाली कराए गए दोनों गांव 60-70 साल तक खाली रहे।
पीएम मोदी ने कहा, 'देशवासियों को पता होगा, शायद नहीं पता होगा। 1962 में जब चाइना ने भारत पर आक्रमण किया तब दो गांव खाली करा दिए गए थे। 60-70 साल हो गए। लोग भूल गए, हम नहीं भूल सकते। हमने उन दो गांवों को फिर से बसाने का अभियान चलाया है। बहुत बड़ा पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।' पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या एक दशक में तेजी से बढ़ी है।'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए बारहमासी पर्यटन पर जोर दिया जिससे हर सीजन 'ऑन सीजन' रहे । प्रधानमंत्री ने कहा, 'अपने पर्यटन क्षेत्र को विविधतापूर्ण बनाना और उसे बारहमासी बनाना उत्तराखंड के लिए बहुत जरूरी है।' उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उत्तराखंड में पर्यटन के लिहाज से कोई भी सीजन 'ऑफ सीजन' न हो और हर सीजन 'ऑन सीजन' रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों में मार्च, अप्रैल और जून में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं लेकिन उसके बाद इनकी संख्या कम हो जाती है। उन्होंने कहा, 'सर्दियों में होमस्टे और होटल खाली पड़े रहते हैं । यह असंतुलन उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक सुस्ती ला देता है।' मोदी ने कहा कि अगर सर्दियों में देश-विदेश के लोग प्रदेश में आएं तो उन्हें उत्तराखंड की वास्तविक आभा मिलेगी और ट्रेकिंग और स्कींइंग उन्हें रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि सर्दियों में उत्तराखंड की धूप खास होती है जब मैदानी इलाकों में कोहरा होता है। उन्होंने कॉर्पोरेट जगत से भी अपील की कि सर्दियों में अपनी मीटिंग-कॉन्फ्रेंस उत्तराखंड में करें।