दिल्ली में हवा पर हाहाकार, 6 दिन तक नहींं राहत के आसार; इस बार ठंड भी देर से आने की उम्मीद
दिल्ली के लोगों को अगले छह दिन तक प्रदूषित हवा से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। शनिवार को लगातार 11वें दिन औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार यानी बेहद खराब श्रेणी में रहा। यहां की हवा में प्रदूषक कणों का स्तर ढाई गुना से भी ज्यादा बना हुआ है।
दिल्ली के लोगों को अगले छह दिन तक प्रदूषित हवा से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। शनिवार को लगातार 11वें दिन औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार यानी बेहद खराब श्रेणी में रहा। यहां की हवा में प्रदूषक कणों का स्तर ढाई गुना से भी ज्यादा बना हुआ है। वहीं, इस बार ठंड देर से आने के आसार हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री ज्यादा है। यह जलवायु परिवर्तन का असर है। दूसरी ओर राजधानी के ज्यादातर इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। खासतौर पर सुबह और शाम के समय वायुमंडल में गहरी धुंध देखी जा रही है। इसमें धुएं और प्रदूषण के कण भी मौजूद हैं। इस धुंध के चलते दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हो रहा है।
दमघोंटू हवा के चलते लोग सांस लेने में परेशानी, नाक, आंख और गले में जलन जैसी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 352 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को यह सूचकांक 380 के अंक पर रहा था।
मानकों से दोगुना प्रदूषण : मानकों के मुताबिक, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर की हवा में शनिवार की शाम चार बजे पीएम 10 का स्तर 262 और पीएम 2.5 का स्तर 149 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। यानी दिल्ली-एनसीआर की हवा में मानकों से ढाई गुने से भी ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा तैयार वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक अगले छह दिनों के बीच हवा की गति आमतौर पर 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहने की संभावना है।
तापमान थोड़ा ज्यादा रहने का अनुमान
अगले पांच-छह दिन के बीच अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा रहने का अनुमान है। हालांकि, सुबह के समय अब हल्का कोहरा देखने को मिल सकता है। दिल्ली में अच्छे मॉनसून के बावजूद इस बार जाड़े की अभी कायदे से शुरुआत नहीं हुई है। अक्टूबर का महीना दिल्ली में 73 साल में सबसे ज्यादा गर्म रहा था। अब नवंबर में भी गर्मी महसूस हो रही है।
सामान्य नहीं रहा पारा
इस महीने के अभी तक के नौ दिन में से एक दिन भी ऐसा नहीं रहा है जब तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे आया हो। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में सुबह के समय हल्की धुंध दिख रही है, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही धूप निकल रही है