गुरुग्राम के DLF फेज-3 में 300 मकान मालिकों को नोटिस, 10 एकड़ जमीन पर गरजे बुलडोजर
गुरुग्राम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर डीएलएफ फेज-3 के 300 मकान मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन मकान मालिकों को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
गुरुग्राम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर डीएलएफ फेज-3 के 300 मकान मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन मकान मालिकों को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इन मकानों के कब्जा प्रमाण पत्र रद्द किए जाएंगे। साथ ही साथ तहसीलदार को इन मकानों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र लिखा जाएगा। अब तक इस फेज में 1438 मकानों को नोटिस जारी किया जा चुका है।
डीटीपीई अमित मधोलिया ने बताया कि डीएलएफ फेज-1 से लेकर फेज-5 तक सर्वे किया है। 4200 मकानों में अवैध निर्माण हुआ है। सभी को 31 जनवरी तक कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुछ मकान मालिक नोटिस को नहीं ले रहे हैं। ऐसे में इनके मकान के बाहर नोटिस को चस्पा किया जा रहा है।
हाईकोर्ट में सुनवाई हुई
इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। अगली सुनवाई पर डीटीपीई को अपना जवाब दाखिल करना है कि क्या इन मकानों में हुए नियमों के उल्लंघन को नियमित किया जा सकता है। इस रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी।
हरित क्षेत्र में कब्जों पर बुलडोजर चला
वहीं, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने बुधवार को सर्दर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) पर हरित क्षेत्र में कब्जों पर बुलडोजर चलाया। हरित क्षेत्र में करीब 10 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया हुआ था। यहां पर अवैध तरीके से नर्सरी, पार्किंग और निर्माण सामग्री की दुकान बनाई हुई थीं।
पुलिस बल की मौजूदगी में चार बुलडोजरों की मदद से इस जमीन को अतिक्रमणमुक्त करवाया। जीएमडीए के डीटीपी आरएस बाठ के नेतृत्व में तोड़फोड़ हुई। करीब 50 पुलिस कर्मी मौके पर मौजूद रहे। चार एकड़ जमीन पर अवैध रूप से नर्सरी डाली हुई थीं। तीन एकड़ जमीन पर सात पक्के कमरे, 15 कच्चे कमरे और 50 झुग्गियां थीं। इन सभी को बुलडोजर से मलबे में तब्दील कर दिया। बाठ ने बताया कि एसपीआर पर 160 एकड़ में हरित क्षेत्र है। इसमें से 60 एकड़ पर कब्जा था। 35 प्रतिशत कब्जे को हटा दिया है। 31 जनवरी तक हरित क्षेत्र को अतिक्रमणमुक्त करवा दिया जाएगा।