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जजों की नियुक्ति देरी: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जजों की नियुक्ति में देरी का कारण बताने का दिया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। कोर्ट ने पूछा कि कोलेजियम द्वारा फिर से सिफारिश किए गए नामों पर निर्णय क्यों नहीं लिया गया। मुख्य न्यायाधीश ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 20 Sep 2024 06:09 PM
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नई दिल्ली। विशेष संवाददाता कोलेजियम की सिफारिश के बाद भी जजों की नियुक्ति होने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कड़ा रूख अपनाया। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से यह जानकारी देने को कहा कि हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम ने किन नामों की दोबारा सिफारिश की और उनकी नियुक्ति क्यों नहीं हुई।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने इस बारे में भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से उन उम्मीदवारों की सारणीबद्ध सूची पेश करने को कहा है, जिनके नाम सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने हाईकोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए दोहराए हैं। पीठ ने अटार्नी जनरल ने सिफारिश के बाद भी नियुक्ति को मंजूरी नहीं देने के लिए कारण भी बताने को कहा है। अन्य मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित फैसले के मुताबिक कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए नाम को बतौर जज नियुक्त करना केंद्र सरकार के लिए बाध्यकारी हैं। हालांकि, केंद्र के पास पिछले कई माह से कुछ नाम लंबित पड़े हैं, जिनके नामों को कोलेजियम ने दोबारा से भेजा है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अटार्नी जनरल वेंकटरमणी से जानना चाहा कि सरका इन नामों पर अब तक विचार क्यों नहीं किया गया और यह स्वीकृति किस स्तर पर लंबित है। सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता हर्ष विभोर सिंघल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम द्वारा की गई सिफारिश को मंजूरी देने के लिए समय-सीमा तय करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि कोलेजियम की सिफारिश को मंजूरी देने के लिए कोई निश्चित अवधि तय नहीं होने के चलते सरकार मनमाने ढंग से जजों की नियुक्ति में देरी करती है, जिससे न्यायिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात होता है। साथ ही कहा कि इससे संवैधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में पड़ती है और न्यायालय की गरिमा और बुद्धिमत्ता का अपमान होता है। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट झारखंड सरकार द्वारा राज्य के उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति में हो रही देरी के आरोप में केंद्र सरकार के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर भी सुनवाई कर रही है।

जल्द होंगी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोलेजियम की सिफारिशों के मुताबिक कई उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्तियां बहुत जल्द होने की संभावना है। उन्होंने झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा कि ‘कई उच्च न्यायालयों में जल्द मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्तियां होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कुछ नियुक्तियां पाइपलाइन में हैं, हमें उम्मीद है कि वे नियुक्तियां जल्द ही होंगी। इसके साथ ही, पीठ ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। अटार्नी जनरल वेंकटरमणी ने गुरुवार को शीर्ष अदालत से कहा था कि देश के कई उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति पर कोलेजियम की सिफारिशों के बारे में अगले सप्ताह कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे। साथ ही, अटार्नी जनरल ने शुक्रवार को होने वाले मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित करने का आग्रह किया था। लेकिन पीठ ने सुनवाई टालने से इनकार कर दिया था।

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