President Murmu Approves Prosecution Against Lalu Prasad Yadav in Land Fraud Case नौकरी के बदले जमीन घोटाला: राष्ट्रपति ने धनशोधन मामले में लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी, Delhi Hindi News - Hindustan
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नौकरी के बदले जमीन घोटाला: राष्ट्रपति ने धनशोधन मामले में लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ रेलवे में नौकरी के बदले जमीन से जुड़े धनशोधन मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। यह मामला 2004-2009 के दौरान भ्रष्टाचार से जुड़ा...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 8 May 2025 09:54 PM
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नौकरी के बदले जमीन घोटाला: राष्ट्रपति ने धनशोधन मामले में लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन से जुड़े कथित धनशोधन मामले में राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। शीर्ष सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मु ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197(1) और बीएनएसएस, 2023 की धारा 218 के तहत अनिवार्य अनुमति प्रदान की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामले की जांच की है और पिछले साल अगस्त में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, उनके बेटे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धनशोधन मामले में आरोप पत्र दायर किया था।

इससे पहले, जनवरी 2024 में, ईडी ने लालू परिवार के एक कथित सहयोगी अमित कत्याल और प्रसाद के परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था। इसमें उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद बेटी मीसा भारती, एक अन्य बेटी हेमा यादव और दो संबंधित कंपनियां- ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। दिल्ली की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने इन दोनों आरोप पत्रों (अभियोजन पक्ष की शिकायतों) पर संज्ञान लिया है। यह है मामला यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से निकला है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप-डी के कर्मचारियों की नियुक्ति में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद भ्रष्टाचार में लिप्त थे। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, उम्मीदवारों या उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में कथित तौर पर रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। ये जमीनें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत थी। सीबीआई ने इस मामले में तीन आरोप पत्र भी दाखिल किए हैं।

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