पार्किंग समस्या पर निगम की प्रतिक्रिया जरूरी: कोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने आवासीय कॉलोनियों में पार्किंग समस्या पर तल्ख टिप्पणी की है। न्यायालय ने कहा कि यह सिविक मुद्दा है और इसके लिए न्यायिक दखल के बजाय नगर निगम अधिकारियों से नीति-आधारित प्रतिक्रिया की...
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। राजधानी में पार्किंग की समस्या पर दिल्ली हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि आवासीय कॉलोनियों में पार्किंग एक सिविक मुद्दा है, जिसके लिए न्यायिक दखल की बजाय नगर निगम अधिकारियों से नीति-आधारित प्रतिक्रिया की ज्यादा जरूरत है। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा शहरी योजना में बड़ी विफलता का नतीजा है। अदालत ने कहा कि वह इन व्यापक शहरी बुनियादी ढांचे की कमियों पर विचार नहीं कर सकती है। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी उस याचिका में दखल देने से इनकार करते हुए की जिसमें एक याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उसके घर और दुकान के सामने गाड़ियों की पार्किंग गैरकानूनी है। कोर्ट ने कहा कि संकरी आवासीय गलियों में गाड़ियों की पार्किंग के बारे में याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गई समस्या दिल्ली में कई शहरी निवासियों द्वारा सामना की जाने वाली एक आम समस्या है। कोर्ट ने कहा कि आवासीय कॉलोनियों में निर्धारित पार्किंग स्पेस की अनुपलब्धता एक सिविक मुद्दा है। इसके लिए व्यक्तिगत विवादों में न्यायिक दखल की बजाय सिविक एजेंसियों की नीति-आधारित प्रतिक्रिया की जरूरत होती है।
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