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आबकारी नीति : हैदराबाद के कारोबारी अरुण पिल्लई को जमानत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत दे दी है। पिल्लई को ईडी ने मार्च 2023 में गिरफ्तार किया था। इस मामले में आरोप...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 11 Sep 2024 01:55 PM
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नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने आदेश सुनाया। हैदराबाद के कारोबारी और एक अन्य आरोपी के. कविता के कथित करीबी सहयोगी पिल्लई को ईडी ने मार्च 2023 में गिरफ्तार किया था। हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता कविता को जमानत दी थी। इस मामले में पिल्लई का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता नितेश राणा एवं अधिवक्ता दीपक नागर ने किया। उन पर इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू से रिश्वत लेने और उन्हें अन्य आरोपी व्यक्तियों को सौंपने का आरोप है। ईडी के आरोपपत्र में इल्जाम लगाया गया है कि पिल्लई ने जांच के दौरान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत झूठे बयान दिए। इसमें यह भी दावा किया गया कि उसने दो साल में पांच मोबाइल फोन नष्ट कर दिए या बदल दिए। इनता ही नहीं घोटाले के दौरान इस्तेमाल किए गए फोन पेश नहीं किए। ईडी ने कहा कि इसके अलावा अन्य व्यक्तियों के फोन पर पाए गए पिल्लई से जुड़े चैट उसके अपने फोन से गायब थे, जो सबूतों को जानबूझकर नष्ट करने का संकेत देते हैं।

यह मामला अब समाप्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा शुरू की गई जांच से संबंधित है। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसके निर्माण और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद 2022 में आबकारी नीति को समाप्त कर दिया गया था। ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ा दिया गया। लाभार्थियों ने अवैध लाभ को आरोपी अधिकारियों को हस्तांतरित कर दिया और पता लगने से बचने के लिए अपने खातों में गलत प्रविष्टियां कीं।

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