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वसंत विहार में देश के सबसे बड़े बहुमंजिला इलेक्ट्रिक बस डिपो का निर्माण शुरू

- पांच एकड़ में फैले इस डिपो में एक बेसमेंट और छह पार्किंग लेवल होंगे, उपराज्यपाल और परिवहन मंत्री ने संयुक्त रूप से शिलान्यास किया

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 13 Aug 2024 02:57 PM
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नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे को और बेहतर करने के लिए दिल्ली सरकार वसंत विहार में देश का सबसे बड़ा बहुमंजिला इलेक्ट्रिक बस डिपो बनाएगी। मंगलवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने संयुक्त रूप से इस डिपो के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। पांच एकड़ में बनने वाले इस बस डिपो की ऊंचाई 35 मीटर यानी 115 फुट होगी। इसमें एक बेसमेंट के अलावा छह पार्किंग लेवल होंगे। इसमें 664 चार पहिया और 200 दोपहिया वाहन खड़े हो सकेंगे। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि वसंत विहार मल्टीलेवल इलेक्ट्रिक बस डिपो सिर्फ एक ट्रांसपोर्टेशन हब नहीं होगा, बल्कि यह दिल्ली सरकार की अर्बन मोबिलिटी क्षेत्र में एक मील का पत्थर होगा। इसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी और ऊर्जा की पूर्ति के लिए सौर पैनलों का इस्तेमाल किया जाएगा। डिपो न केवल वर्तमान की, बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करेगा। इसके निर्माण पर 409.94 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अगस्त 2026 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

434 बसें, 230 कारें और 200 दोपहिया वाहन खड़े हो सकेंगे

डिपो तैयार हो जाने के बाद इसकी क्षमता 3.5 गुना बढ़ जाएगी। वर्तमान में यहां 125 बसें पार्क की जाती हैं, लेकिन इस अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बस डिपो के बन जाने के बाद यहां 434 इलेक्ट्रिक बसें पार्क की जा सकेंगी। इनके अलावा यहां 230 कार और 200 दोपहिया भी पार्क किए जा सकेंगे। डिपो का निर्माण क्षेत्रफल 7.6 लाख वर्ग फीट है। इसका ग्राउंड कवरेज 1.27 लाख वर्ग फीट है।

600 किलोवाट बिजली भी बनेगी

यहां पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है। छत पर 122केवी का सौर पैनल स्थापित किया जाएगा। सौर पैनल न केवल बसों के लिए छाया प्रदान करेंगे बल्कि 600 किलोवॉट सौर ऊर्जा भी उत्पन्न करेंगे। यहां बसों और सार्वजनिक वाहनों दोनों के लिए 85 चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जाएंगे।

खास तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा

इसका डिजाइन भी खास होगा। इसके नीचे दिल्ली मेट्रो की लाइन जाने की वजह से और कंपन को कम करने के लिए निर्माण में राफ्ट पाइलिंग की जगह पाइलिंग फाउंडेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इमारत की प्रत्येक मंजिल तक आसान पहुंच के लिए बाहरी क्षेत्र में परिधि के साथ रैंप की सुविधा होगी। निचले स्तर पर लीनियर प्लांटर्स से सजे ये रैंप न केवल व्यावहारिक उद्देश्य पूरा करेंगे, बल्कि इमारत की सुंदरता को भी बढ़ाएंगे। ऊपरी मंजिलों को धातु की स्क्रीन से सजाया जाएगा। बसों के रखरखाव के लिए डिपो के ग्राउंड लेवल पर 16 बेड पिट होंगे। बेसमेंट में दोपहिया वाहनों और कार पार्किंग की व्यवस्था होगी। स्थान के अधिकतम उपयोग के लिए बसों को 45 डिग्री के कोण पर पार्क किया जाएगा। डिपो में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा।

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