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इजराइल पैकेज के लिए जोड़...

तेल---------------- कच्चे तेल के दाम में चार फीसदी का उछाल ईरान के इजराइल पर

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 2 Oct 2024 06:38 PM
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तेल---------------- कच्चे तेल के दाम में चार फीसदी का उछाल

ईरान के इजराइल पर हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में चार फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। ब्रेंट क्रूड 74.50 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी क्रूड ऑयल की कीमत में भी चार फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है? रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार ओपेक प्लस की मीटिंग में कच्चे तेल के उत्पादन को सीमित रखने पर फैसला होता है तो कच्चे तेल की कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है।

सात से 28 डॉलर का उछाल संभव

एक अनुमान के मुताबिक ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगने पर कच्चा तेल सात डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हो सकता है। वहीं, अगर ईरान के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर इजरायल हमला करता है तो कच्चा तेल 13 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हो सकता है। स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के जरिए आपूर्ति बाधित होने पर कच्चा तेल 13 से 28 डॉलर प्रति बैरल तक महंगा हो सकता है।

भारत के लिए आगे की स्थिति

2018-19 तक ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था लेकिन जून 2019 से पहले जब अमेरिका ने ईरान पर परमाणु कार्यक्रम से जुड़े प्रतिबंध लगाए तो भारत को भी ईरान से तेल आयात करने की छूट खत्म हो गई जिसके बाद साल 2019 से ही भारत ने ईरान से तेल लेना बंद कर दिया। भारत रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत का सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता रूस है। भारत रूस से करीब 40 फीसदी आायात करता है और इसके बाद इराक से करीब 20 फीसदी आयात करता है।

‌‌व्यापार-----------------------------------------

भारत इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार

भारत द्वारा पश्चिम एशियाई देशों को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में बासमती चावल, मानव निर्मित धागा, कपड़े, रत्न और आभूषण, सूती धागा और कपड़े शामिल हैं। भारत एशिया में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। यद्यपि द्विपक्षीय व्यापारिक व्यापार में मुख्य रूप से हीरे, पेट्रोलियम उत्पादों और रसायनों का वर्चस्व है, हाल के वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी और उच्च तकनीक उत्पादों, संचार प्रणालियों और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में व्यापार में वृद्धि देखी गई है।

तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि व्यापार पर होगा असर

निर्यातकों के अनुसार, पश्चिम एशियाई क्षेत्र में संघर्ष बढ़ने से तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कृषि जैसे क्षेत्रों में व्यापार को नुकसान पहुंचने के अलावा पहले से ही ऊंची रसद लागत बढ़ने की आशंका है। युद्ध में सीधे तौर पर शामिल देशों को निर्यात के लिए बीमा लागत भी बढ़ सकती है, जिसका असर भारतीय निर्यातकों की कार्यशील पूंजी पर पड़ेगा। थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि संघर्ष पहले से ही इजरायल, जॉर्डन और लेबनान जैसे देशों के साथ भारत के व्यापार को नुकसान पहुंचा रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने कहा कि ईरान-इजरायल संघर्ष विश्व व्यापार और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

इजराइल से व्यापार

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान इजराइल को भारत का निर्यात 639 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। 2023-24 में यह 4.52 अरब अमेरिकी डॉलर था। इस वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान इजराइल से आयात 469.44 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2023-24 में यह दो अरब अमेरिकी डॉलर था।

ईरान से व्यापार

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान ईरान को भारत का निर्यात 538.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। 2023-24 में यह 1.22 अरब अमेरिकी डॉलर था। इस वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान ईरान से आयात 140.69 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2023-24 में यह 625.14 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।

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