Hindi Newsएनसीआर न्यूज़manish sisodia exclusive interview talk about seat change how kejriwal will become cm aap assembly election

Exclusive: दिल्ली में सत्ता विरोधी लहर नहीं, सिसोदिया ने बताया कैसे केजरीवाल बन सकते हैं CM; सीट बदलने की भी वजह बताई

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चौथी बार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इस बार वे अपनी पारंपरिक सीट पटपड़गंज के बजाय जंगपुरा से उतरे हैं। चुनाव और पार्टी में उनकी भूमिका और आप पर लग रहे आरोपों को लेकर सिसोदिया ने बात की।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। गौरव त्यागी/ बृजेश सिंहSat, 18 Jan 2025 06:03 AM
share Share
Follow Us on

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया चौथी बार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इस बार वे अपनी पारंपरिक सीट पटपड़गंज के बजाय जंगपुरा से उतरे हैं। चुनाव और पार्टी में उनकी भूमिका और आप पर लग रहे आरोपों को लेकर सिसोदिया से ‘हिन्दुस्तान’ के मेट्रो एडिटर गौरव त्यागी और प्रमुख संवाददाता बृजेश सिंह ने लंबी वार्ता की।

● क्या दिल्ली में इस बार आम आदमी पार्टी के लिए चुनौतियां ज्यादा हैं?

जनता में बहुत अच्छा माहौल है। जनता इस मूड में है कि एक अच्छी बहुमत वाली सरकार चुनकर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाएं। चुनौती यह है कि भाजपा जिस तरह से गाली-गलौज पर उतरी हुई है, वो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं । भाजपा जनता के सामने अपने मुद्दे रखे। वह स्कूल, अस्पताल कैसे बनाएंगे, उस पर बहस करे। अपने नेता को सामने रखो, लेकिन उनके पास नेता ही नहीं है। दूसरी चुनौती है कि भाजपा पूरी सरकारी मशीनरी का प्रयोग कर रही है।

● क्या तीन बार दिल्ली में जीतने के बाद आप को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है?

मुझे जनता के बीच कोई नाराजगी नहीं दिखती है। लोग कहते हैं कि आप ने हमारे लिए बहुत काम किए हैं। उनके अंदर हमारे जीतने को लेकर ज्यादा आत्मविश्वास दिख रहा है।

● सत्ता विरोधी लहर नहीं है तो सिसोदिया को अपनी सीट बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?

सीट बदलने का कारण हमेशा नकारात्मक नहीं होता है। कई नेता अपनी सीट बदलते हैं। प्रधानमंत्री गुजरात को छोड़कर उत्तर प्रदेश के बनारस चुनाव लड़ने गए। वह निगेटिव कारणों से वहां नहीं गए। सीट बदलने के पीछे कई बार राजनीतिक व रणनीतिक कारण होते हैं। मेरे सामने यह परिस्थिति थी कि अवध ओझा को चुनाव लड़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे पटपड़गंज से लड़ा सकते हो तो हमने कहा कि लड़ा सकते हैं। वह देश के जाने-माने शिक्षाविद हैं, अब मेरी जगह वह चुनाव लड़ रहे हैं।

● आप भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन से निकली और अब भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी है। सिसोदिया, केजरीवाल को जेल तक जाना पड़ा?

भाजपा के आरोपों के बारे में जनता को दिख रहा है कि हमें 17 महीने जेल में रखा गया, लेकिन कुछ नहीं मिला। अब जनता खुद कह रही है कि हमें परेशान करने के लिए जेल भेजा था। राजनीतिक विरोध के कारण ऐसे आरोप लगाकर कार्रवाई की जा रही है।

● आप को 19 टिकट बदलने पड़े, जिनके खिलाफ कभी आपने मोर्चा खोला था, वे आप के साथ हैं?

देखो, पांच साल में एक टीम के साथ काम करते हैं। पिछली बार जिन लोगों ने चुनाव लड़ा, उनसे इतर आप बहुत सारे फैसले लेते हैं। इसमें कोई गलत बात नहीं है। लोग केजरीवाल के चेहरे को वोट दे रहे हैं।

● आप पर आरोप है कि आपने पांच साल में अपने वादे पूरे नहीं किए। अब व्यवस्था बदलने के बजाए सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं?

व्यवस्था तो हमने बदली है। स्कूल और अस्पताल ठीक कराए, बिजली मुफ्त दी है। भाजपा किस मुद्दे पर काम कर रही है। उन्हें दिल्ली की आधी जिम्मेदारी थी। उनकी जिम्मेदारी थी कानून व्यवस्था ठीक करना, उस पर बताने के लिए कुछ नहीं है। अब केजरीवाल को गाली देकर वोट मांग रहे हैं।

● आप मानते हैं कि पिछले कार्यकाल में कुछ वादे रह गए हैं?

निश्चित रूप से, खुद केजरीवाल ने कहा कि यमुना सफाई ऐसा मुद्दा है जो उनके दिल के करीब है। वह उसे करके छोड़ेंगे। हम उस दिशा में काम कर रहे हैं।

● केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने सचिवालय जाने पर रोक लगाई है। आप की सरकार बनी तो क्या बेहतर सरकार के लिए सिसोदिया नई भूमिका में दिखेंगे?

ये मुद्दा भाजपा उठा रही है। वह कम से कम मानने लगी है कि आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है। केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बन रहे हैं। जहां तक शर्तों की बात है तो वह अंतरिम यानी अस्थायी होती है। जैसे मेरे ऊपर था कि मुझे हर हफ्ते सीबीआई-ईडी के दफ्तर जाना होगा, लेकिन अब उसे हटा दिया गया है। ऐसी कोई शर्त सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल पर लगाई ही नहीं है कि वह मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं।

● आम आदमी पार्टी क्या इंडिया गठबंधन में है?

इंडिया गठबंधन का गठन लोकसभा चुनाव में हुआ था। अलग-अलग राज्यों में रणनीति पर सहमति बनाकर बना था, मगर अगले चुनाव में हम साथ होंगे कि नहीं यह नहीं पता, जहां तक अभी की बात है तो हम दिल्ली का चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हैं। उस वक्त भी पंजाब चुनाव अलग-अलग लड़े थे। दिल्ली में मिलकर लड़े थे।

● महिला सम्मान, बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना के लिए पैसा कहां से आएगा। आरोप है कि सरकार को लोन लेना पड़ रहा है?

भाजपा अफवाहों की फैक्टरी है। हर सरकार की बाध्यता है कि जो सेविंग स्कीम है, उससे हर सरकार को लोन लेना ही पड़ेगा। यह लोन उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लिया होगा। सारे राज्यों ने लिया है, लेकिन दिल्ली सरकार एक मात्र सरकार है, जो रेवन्यू सरप्लस रही है। दिल्ली का बजट 30 हजार करोड़ से बढ़कर 75 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है। दिल्ली सरकार में पैसे की कोई कमी नहीं है, यह भाजपा का दूसरा झूठ है।

ये भी पढ़ें:जंगपुरा में मनीष सिसोदिया और तरविंदर में टाइट फाइट, सीट के क्या हैं अहम मुद्दे
ये भी पढ़ें:आतिशी को आवंटित बंगले में रह रहे सिसोदिया, दिल्ली CM पर हो ऐक्शन; HC ने क्या कहा

● सीएजी रिपोर्ट को लेकर आरोप लग रहे हैं। उसे सदन में क्यों नहीं रखा गया?

सीएजी रिपोर्ट की एक प्रक्रिया है। मुख्यमंत्री, मंत्री तक उसे तब तक नहीं पढ़ सकते हैं जब तक उसे विधानसभा के पटल पर रख न दिया जाए। अभी भाजपा मुख्यालय में बनी कोई सीएजी रिपोर्ट घूम रही है।

● पिछले दो चुनाव में 67 फिर 62 सीट के बाद इस बार आप को कितनी सीट देंगे?

जब सरकार बनी थी, तभी 67, 62, 63 के बारे में नहीं सोचा था। तब भी यही सोचा था कि सरकार बनेगी। इस बार भी सरकार बनेगी।

‘केजरीवाल आएंगे तभी झुग्गियां बचेंगी’

झुग्गियों में भाजपा की सक्रियता के सवाल पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि झुग्गी के लोग इसलिए वोट दे रहे है कि क्योंकि वह जानते हैं कि जब तक केजरीवाल हैं तभी तक झुग्गियां हैं। भाजपा आएगी तो झुग्गियां तुड़वा देगी। लोगों को पता है कि भाजपा के लोग जिन झुग्गियों में सोकर जाते हैं उन्हें तुड़वा देते हैं।

जंगपुरा में मेरी जीत तेज विकास की गारंटी

मेरा जंगपुरा से जीतना जंगपुरा के तेज विकास की गारंटी होगी। अब जंगपुरा के लोगों के अंदर एक उम्मीद पैदा हुई है। जंगपुरा के लोग कह रहे हैं कि सिसोदिया आ गया तो विकास भी तेज होगा।

पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'मुझे जनता के बीच कोई नाराजगी नहीं दिखती। उनके अंदर हमारे जीतने को लेकर ज्यादा आत्मविश्वास दिख रहा है। जहां तक मुफ्त योजनाओं के लिए पैसा जुटाने की बात है तो मैं बता दूं कि हर सरकार की बाध्यता है कि जो सेविंग स्कीम है, उससे हर सरकार को लोन लेना ही पड़ेगा। यह लोन उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लिया होगा। सारे राज्यों ने लिया है, लेकिन दिल्ली सरकार एक मात्र सरकार है, जो रेवन्यू सरप्लस रही है।'

अगला लेखऐप पर पढ़ें