गुरुग्राम में क्लब पर धमाका करने को 7 दिन पहले ही पहुंच गए थे लॉरेंस के 3 गुर्गे, चोरी की बाइक से की रेकी
गुरुग्राम में क्लब पर धमाका करने के लिए लॉरेंस गैंग के 3 गुर्गे सात दिन ही पहले गुरुग्राम में पहुंच गए थे। उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए सेक्टर-5 इलाके से बाइक चोरी की थी। इसके बाद तीनों गुर्गों ने सेक्टर-29 मार्केट की रेकी की थी।
गुरुग्राम में क्लब पर धमाका करने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के तीन गुर्गे सात दिन पहले गुरुग्राम में पहुंच गए थे। उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए सेक्टर-5 इलाके से बाइक चोरी की थी। इसके बाद तीनों गुर्गों ने रविवार 8 दिसंबर को शाम 7 से रात 12 बजे तक सेक्टर-29 मार्केट की रेकी की थी।
रेकी करने के दौरान वहां पर सुरक्षा के इंतजाम देखने के साथ बम धमाका करने के लिए कौन से रास्ते से भागना है। कौन बाहर बाइक पर इंतजार करेगा, इसकी रणनीति बनाई गई। रविवार को 5 घंटे तक रेकी के बाद वापस लौट गए। उसके बाद मंगलवार सुबह पौने 5 बजे तीनों चोरी की बाइक से लेजरवैली के पास वाले कट पर पहुंचे, जहां उनमें से एक उतर गया।
सचिन और दूसरा गुर्गा बाइक को चलाते हुए मार्केट के अंदर जाने वाले रास्ते पर पहुंचे। सचिन बाइक से उतरा और बैग लेकर मार्केट की और पैदल ही जाने लगा।
मंगलवार सुबह 5 बजे बैग से एक देशी बम को निकाल कर सबसे पहले वेयर हाउस क्लब पर फेंका, जिससे जोरदार बड़ा धमाका हुआ। उसके बाद वहां पर नीचे खड़ी स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई। उसके बाद आरोपी सचिन ने पास में ही बने दूसरे ह्यूमन क्लब पर देशी बम फेंका, जिससे क्लब का बोर्ड टूटकर नीचे गिर गया। राहत की बात रही कि ब्लास्ट के दौरान कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। ब्लास्ट होने के बाद मार्केट में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। वहां पर मौजूद हवलदार अनिल ने आरोपी युवक को पकड़ लिया। पुलिस द्वारा उसके बैग की तलाशी लेने पर दो जिंदा देशी बम, एक पिस्टल, पांच जिंदा कारतूस और एक स्मार्टफोन मिला। पुलिस ने हवलदार की शिकायत पर सेक्टर-29 थाने में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ब्लास्ट के बाद गोल्डी बराड़ का नाम लेकर दी धमकी : सचिन ने क्लब के बाहर ब्लास्ट करने के बाद जोर-जोर से चिल्लाते हुए कहा कि वह गोल्डी बराड़ का आदमी है। गोल्डी बराड़ बॉस का कहना नहीं माना, इसीलिए इनको अंजाम भुगतना पड़ेगा। पुलिस जांच में सामने आया कि वह सतविंदर सिंह उर्फ संतिदरजीत उर्फ गोल्डी बराड़ का आदमी है। गोल्डी बराड़ बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकवादी संगठन के लिए काम करता है। संगठन आतंकवादी गतिविधियों के लिए रुपयों की अवैध वसूली करता है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी सचिन पर पहले भी अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
गैंग ने शुरू किया नया ट्रेंड
लॉरेंस गैंग अब तक फोन पर रंगदारी मांगता था। रंगदारी न देने पर घर और ऑफिस पर कई राउंड फायरिंग कर अपने नाम की दहशत फैलाता था। गुरुग्राम में भी कई साल पहले पटौदी में दो शराब कारोबारी भाइयों की दिनदहाड़े हत्या को अंजाम दिया गया था। इसके अलावा जिला परिषद के चेयरमैन से भी शराब कारोबार में हिस्सा मांगा गया था। हिस्सेदारी नहीं देने पर उसके घर पर फायरिंग की गई थी।
ब्लास्ट चंडीगढ़ जैसा
पुलिस सूत्रों की मानें तो शहर के सेक्टर-29 मार्केट में दो क्लबों के बाहर हुए ब्लास्ट करने का तरीका चंडीगढ़ जैसा है। दोनों जगह तेज धमाके वाले बम का इस्तेमाल किया गया। चंडीगढ़ में देशी बम इस्तेमाल किए जाने की बात सामने आई थी, जबकि गुरुग्राम में देशी बम का इस्तेमाल ब्लास्ट में हुआ। चंडीगढ़ में तड़के 3 बजे और सेक्टर-29 में सुबह 5 बजे बम फेंके गए।
चंडीगढ़ में दो क्लब के बाहर किया था धमाका
बता दें कि, 26 नवंबर को चंडीगढ़ के दो क्लबों के बाहर ब्लास्ट हुआ था। ब्लास्ट की जिम्मेदारी गैंगस्टर लॉरेंस के साथी गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर ली थी। हालांकि कुछ देर बाद पोस्ट को हटा लिया गया था। इस मामले में जांच करते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने हिसार एसटीएफ के साथ मिलकर एनकाउंटर कर ब्लास्ट करने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
आरोपी सिग्नल ऐप का कर रहे थे इस्तेमाल
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों को पुलिस ट्रैक आउट नहीं कर सके, इसके लिए वह सिग्नल ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। सचिन के पास मिले फोन में बात करने के काफी कुछ साक्ष्य मिले हैं। वह लॉरेंस गैंग में गोल्डी बराड़ के लिए काम करता है। वहीं चंडीगढ़ में ब्लास्ट होने के बाद हिसार एसटीएफ टीम और चंडीगढ़ पुलिस ने बदमाशों को पकड़ लिया। उनसे पूछताछ में मिली जानकारी के बाद पुलिस ने ट्रैक आउट करते हुए गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी, तभी गुरुग्राम में ब्लास्ट होने के अंदेशे की जानकारी मिली थी।
पुलिस आयुक्त भी जांच के लिए पहुंचे
पुलिस आयुक्त विकास आरोड़ा भी मंगलवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे थे। काफी देर तक जांच कर सभी जानकारी जुटाने के बाद वह वापस लौट गए। उसके बाद डीसीपी अपराध राजेश फौगाट, एसीपी अपराध वरूण दहिया भी घटना स्थल पर पहुंचे और उनके द्वारा जांच की गई। दोपहर बाद दिल्ली से जांच करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम ने घटना स्थल की भी जांच की।