‘2100 वाले वादे’ पर किरण बेदी की अरविंद केजरीवाल को क्या नसीहत
पुडुचेरी की पूर्व एलजी और आईपीएस अधिकारी रह चुकीं किरण बेदी ने दिल्ली चुनाव और आम आदमी पार्टी की ओर से महिलाओं को 2100 रुपए देने के वादे पर अहम टिप्पणी की है।
पुडुचेरी की पूर्व एलजी और आईपीएस अधिकारी रह चुकीं किरण बेदी ने दिल्ली चुनाव और आम आदमी पार्टी की ओर से महिलाओं को 2100 रुपए देने के वादे पर अहम टिप्पणी की है। 2015 में भाजपा की सीएम फेस रह चुकीं किरण बेदी ने चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद कहा कि निर्भर करता है कि लोग किस चीज के लिए वोट करेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वसनीय और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चाहिए।
किरण बेदी ने कहा, 'सभी सुशासन चाहते हैं, लोगों को अच्छा प्रशासन चाहिए जो विश्वसनीय हो, भ्रष्टाचार मुक्त हो, जिस र भरोसा किया जा सके, जिस तक पहुंच संभव हो, जो उपलब्ध हो, जो अनुमानित हो, जो शिकायत मुक्त हो, जो फोकस्ड हो, लोग ऐसा चाहते हैं, लोग सुशासन चाहते हैं, सभी डिपार्टमेंट उनका ख्याल रखें। कोई ब्लेम गेम ना हो।' बेदी अरविंद केजरीवाल की सहयोगी रही हैं और अन्ना आंदोलन के दौरान वह टीम की अहम सदस्य थीं। बाद में केजरीवाल के साथ मतभेद होने पर वह अलग हो गईं।
बेदी से जब केजरीवाल की महिलाओं के लिए 2100 रुपए वाले वादे पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। बेदी ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमें लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए, हमें उन्हें सशक्त बनाना चाहिए, उन्हें स्किल देनी चाहिए ताकि वह खुद कमा सकें। केंद्र की कई योजनाएं हैं जो स्किल सिखाने और अपना रोजगार शुरू करने के लिए है। घर-घर उद्यमशीलता ले जा सकते हैं। कोई ढाई हजार क्यों, वह 25 हजार कमा सकती है।'
उन्होंने आगे कहा, 'ऐसे हालात पैदा करें कि हर महिला कामकाजी बने नाकि वह इंतजार करे कि मुझे कोई देगा, तुम क्या दोगे, मैं दूंगी सरकार को, अपने देश को। हमें आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। यदि किसी का हाथ पकड़ने की जरूरत है तो ऐसा जरूर करो, लेकिन उसकी भी सीमा बनाओ। उनको आत्मनिर्भर करो। हम निर्भर रहने की संस्कृति बना रहे हैं, जोकि सही आइडिया नहीं है, हमें आत्मनिर्भर बनाने की संस्कृति बनानी चाहिए। जिनको जरूरत है उनको दो, लेकिन क्या हमने पहचान कर ली है जिन्हें 100 फीसदी जरूरत नहीं है। लेकिन यदि हमने ऐसा नहीं किया है तो हम सरकार का पैसा जो इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जा सकता है... क्या आप टैक्स बढ़ाएंगे, कौन वह टैक्स देगा, वही लोग जिन्हें हम निर्भर बना रहे हैं। मैं आत्मनिर्भरता की समर्थक हूं। अच्छी सरकार यही करती है। हमें देखना चाहिए कि हम किसकी कीमत पर कर रहे हैं, यह पब्लिक का ही पैसा है।'