गुरुग्राम-नूंह में 10 हजार एकड़ में बनेगी जंगल सफारी, इसी साल शुरू होगा काम; इन गांवों को होगा फायदा
हरियाणा के बजट में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम और नूंह में दस हजार एकड़ में जंगल सफारी विकसित करने के लिए बजट का प्रावधान किया है। 15 किलोमीटर की तेंदुआ पार्क की भी योजना भी इससे जुड़ी है।

गुरुग्राम और नूंह में दस हजार एकड़ में बनने वाली जंगल सफारी को लेकर हरियाणा के बजट में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट का प्रावधान कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जंगल सफारी के लिए बजट का प्रावधान कर दिया गया है। इसका काम जल्द ही शुरू करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना से हरियाणा में पर्यटन बढ़ेगा। दुनिया की सबसे बड़ी और अनोखी जंगल सफारी को लेकर देश दुनिया के लोगों में दिलचस्पी है। जंगल सफारी कई चरणों में बनना है। पहला चरण दो वर्षों में पूरा हो जाएगा। इसमें पर्यटन विभाग, वन विभाग, वन्य जीव विभाग, चिड़ियाघर प्राधिकरण शामिल है।
मुख्यमत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को वित्त मंत्री होने के नाते वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। बजट में गुरुग्राम और नूंह में बनने वाले दस हजार एकड़ में जंगल सफाई का काम इस साल शुरू करवाने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जंगल सफारी का काम जल्द शुरू हो इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। योजना के अनुसार शाकाहारी वन्य जीव, विदेशी जीव, बिल्ली प्रजाति के जानवर, तेंदुआ, पक्षी उद्यान, प्राकृतिक ट्रेल, मनोरंजन स्थल और बॉयो होम्स की परिकल्पना की गई है।
तेंदुआ बाहुल्य वाले इलाकों का सर्वेक्षण किया गया : दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी के साथ करीब 15 किलोमीटर की तेंदुआ पार्क की योजना भी जुड़ी है। पिछले दिनों तेंदुआ बाहुल्य वाले इलाकों का सर्वेक्षण में पता चला है। किन-किन हिस्सों में तेंदुओं की संख्या ज्यादा है। यह पता चल पाया है। सोहना से दमदमा तक तेंदुआ पार्क बनाकर तेंदुओं के संरक्षण की योजना पुरानी है, मगर यह जंगल सफारी से जुड़ेगी क्योंकि जंगल सफारी का इलाका भी यही होगा। इस पर जल्द काम शुरू होगा। इस योजना से हरियाणा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इन गांवों के लोगों को लाभ होगा
गुरुग्राम और नूंह में बनने वाले जंगल सफारी का काम इस साल शुरू होगा। 10 हजार एकड़ की अरावली जंगल सफारी में 6000 एकड़ गुरुग्राम और 4000 एकड़ जमीन नूंह की शामिल होनी है। गुरुग्राम के गांव सकतपुर वास, शिकोहपुर, भोंडसी, घामडौज, अलीपुर टिकली, अकलीमपुर, नौरंगपुर बड़गूजर शामिल हैं। नूंह के कोटा खंडेवला, गंगानी, मोहम्मदपुर अहीर, खरक, जलालपुर, भांगो, चलका गांव इस परियोजना में शामिल हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा।