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जेवर एयरपोर्ट पर बनेंगे कुल 5 रनवे, विस्तार के लिए 14 गांवों की जाएगी जमीन, 42433 लोग होंगे प्रभावित

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में बनने वाले दो रनवे और विमान के इंजन बनाने वाली कंपनियों को लगाने का रास्ता साफ हो गया है। एयरपोर्ट विस्तार के लिए 70 प्रतिशत से अधिक किसान सहमति दे चुके हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडा। हिन्दुस्तानWed, 19 Feb 2025 12:09 PM
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जेवर एयरपोर्ट पर बनेंगे कुल 5 रनवे, विस्तार के लिए 14 गांवों की जाएगी जमीन, 42433 लोग होंगे प्रभावित

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में बनने वाले दो रनवे और विमान के इंजन बनाने वाली कंपनियों को लगाने का रास्ता साफ हो गया है। एयरपोर्ट विस्तार के लिए 70 प्रतिशत से अधिक किसान सहमति दे चुके हैं। अब जल्द ही जिला प्रशासन धारा 11 के तहत अधिग्रहण की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस अधिग्रहण से 14 गांवों के करीब 42433 लोग प्रभावित होंगे।

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एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में कुल 2053 हेक्टेयर भूमि चाहिए। इनमें से 14 गांव की 1888.98 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, शेष भूमि प्रशासन के पास पहले से है। भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति मांगी जा रही थी। अब 70 प्रतिशत से ज्यादा किसान जमीन देने के तैयार हो गए हैं। इन गांवों में 18 वर्ष से कम उम्र के 10847 बच्चे, 16343 पुरुष और 15243 महिलाएं शामिल है।

वहीं, अधिग्रहण से प्रभावित करीब 936 परिवार विस्थापित होंगे। इनमें 7977 पुरुष और 1385 महिलाएं शामिल हैं। इस जमीन पर दो रनवे और 750 एकड़ में विमानों के इंजन बनाने वाली कंपनी स्थापित होगी। इसके अलावा एयरपोर्ट पर क्रॉसिंग और सर्विस रनवे भी बनाए जाएंगे, जिनसे चलकर विमान हैंगर तक पहुंचेंगे।

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कुल पांच रनवे बनाए जाएंगे

एयरपोर्ट पर कुल 5 रनवे बनेंगे। इनमें प्रथम चरण में 1334 हेक्टेयर में एक रनवे बन रहा। वहीं, दूसरे चरण में दो और तीसरे व चौथे चरण में भी भी दो रनवे बनेंगे। प्रत्येक रनवे के बीच डेढ़ किलोमीटर तक दूरी रहेगी, ताकि सभी स्वतंत्र होकर कार्य कर सके। इससे कम दूरी होने पर रनवे से फ्लाइट को टेकऑफ और लैंडिंग में कोई दिक्कत नहीं होगी।

दूसरे चरण में यह काम होंगे

दूसरे चरण की 1365 हेक्टेयर जमीन में 490 एकड़ में एक रनवे बनेगा, सर्विस रनवे बनेगा और करीब 800 एकड़ में एविएशन इंडस्ट्री लगाई जाएगी। वर्ष 2025 तक देश में 1800 विमानों की संख्या होने का अनुमान हैं, जबकि वर्तमान में 700 विमान हैं। उसी हिसाब से एमआरओ हब का विकास किया जाना है।

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