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गुदड़ी के लाल ने कर दिया कमाल; समोसा बेचने वाले लड़के ने निकाला NEET, मोटिवेट कर देगी कहानी

सनी का परिवार नोएडा में ग्राउंड फ्लोर पर दो कमरे के किराए के घर में रहता है। उसकी मां और चार भाई-बहनें भी साथ रहती हैं।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नोएडाSun, 1 Sep 2024 07:14 AM
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गुदड़ी के लाल ने कर दिया कमाल... यह मुहावरा तो आपने सुना ही होगा। इसे सच कर दिखाया है नोएडा में समोसा बेचने वाले एक लड़के ने। नोएडा में समोसे और ब्रेड पकोड़े का ठेला चलाने वाले 20 साल के सनी का सपना पूरा होने वाला है। सपना है डॉक्टर बनने का जिसके लिए ना जाने उसने कितनी ही रातें बिना सोए निकाली हैं। सनी को आखिरकार उसकी कड़ी मेहनत का फल मिल ही गया और नीट परीक्षा में 16316 रैंक हासिल की है। सनी के लिए यह राह इतनी आसान नहीं थी। सनी रोज शाम सेक्टर 12 के एच ब्लॉक में कुरकुरे समोसे बनाकर लोगों को खिलाता था। उसने कुछ दिनों का ब्रेक लिया और दिन रात मेहनत कर नीट परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल कर अपने सपने की ओर कदम बढ़ाया।

सनी का परिवार नोएडा में ग्राउंड फ्लोर पर दो कमरे के किराए के घर में रहता है। उसकी मां और चार भाई-बहनें भी साथ रहती हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उसकी बड़ी बहन अंशू बी कॉम कर रही है, जबकि दो छोटी बहनें सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। सनी का एक भाई भी है जो एक प्राइवेट कंपनी में सेल्समैन का काम करता है। वहीं उनके पिता बिहार के मधुबनी में हैं। वह वहां खेतों की देखभाल करते हैं। रिपोर्ट के मुताबित सनी ने कहा, जब मैं छठी कक्षा में था, मैं एक इंजीनियर बनना चाहता था। लेकिन 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने बायोलॉजी चुनी। सरस्वती विद्या मंदिर से पढ़े सनी ने 2023 में अपनी कक्षा 12 की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद उसने एक साल का ब्रेक लिया और नीट की तैयारी की। 

सनी ने बताया कि उसने कक्षा 9वीं से ठेले पर समोसे बेचना शुरू किया था। यह ठेला उसके चाचा का था। उनकी साला 2020 में कोरोना में मौत हो गई थी। चाचा ने उसके परिवार का आर्थिक तौर पर काफी साथ दिया था। इसलिए उनकी मौत के बाद सनी ने उनकी जिम्मेदारी ले ली और ठेले पर समोसे बेचने लगा। सनी रोज शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक ठेला चलाता था और हर रोज 600 रुपए कमाता था। लेकिन सारे खर्चों के बाद प्रोफिट केवल 200 रुपए का होता था। उसने बताया, मेरा स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक था, और मुझे शाम 4 बजे तक गाड़ी पर पहुंचना होता था। उसने बताया कि जब कोई ग्राहक नहीं होता था, तो मैं ऑनलाइन कोचिंग क्लास लेता था और 2 या 3 बजे तक पढ़ाई करता था।

कैसे की तैयारी

सनी ने बताया कि उसका एक दोस्त फिजिक्स वाला से ऑनलाइन क्लास ले रहा था। लेकिन मेरे पास इसके लिए क्लास के लिए पैसे नहीं थे इसलिए मैं ठेला चलाने के बाद यूट्यूब और टेलिग्राम पर मौजूद पुराने लेक्चर देखता था। इस दौरान उसके दोस्त मनीष कुंतल ने भी उसका काफी साथ दिया। मनीष ने फिजिक्स वाला का सब्सक्रिप्शन लिया। वह लैपटॉप से लेक्चर अटेंड करता था जबकि सनी फोन से लॉग इन करता था। सेकेंड अटेमप्ट के लिए सनी ने 4200 में फिजिक्स वाला का सब्सक्रिप्शन लिया और पढ़ाई की। उसके भाई ने उसे तैयारी के लिए सेकेंड हैंड फोन दिलाया था। सनी की इस सफलता पर उसका पूरा परिवार खुश है।

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