दिल्ली की जनता साल में कितने घंटे 'साफ हवा और सुखद तापमान' में बिताती है?
सीईपीटी यूनिवर्सिटी और क्लाइमेट-टेक फर्म द्वारा की गई स्टडी में दिल्ली की हवा को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक जानिए साल में कितने घंटे दिल्ली के लोग साफ हवा में सांस ले पाते हैं।

देशभर में राजधानी दिल्ली सहित कई शहर हैं, जहां पलूशन का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। इसके चलते साफ हवा में सांस लेना भी दुश्वार हो जाता है। सीईपीटी यूनिवर्सिटी और क्लाइमेट-टेक फर्म द्वारा की गई स्टडी में दिल्ली की हवा को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक जानिए साल में कितने घंटे दिल्ली के लोग साफ हवा में सांस ले पाते हैं।
इस स्टडी के अनुसार दिल्ली में साल में केवल तीन प्रतिशत घंटे ही स्वच्छ हवा और सुरक्षित प्राकृतिक वेंटिलेशन में सांस ले पाते हैं। इसके मुताबिक दिल्ली में लगभग 2210 तापीय रूप से आरामदायक घंटे दर्ज किए गए हैं, जिसमें बाहरी तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
लेकिन, उनमें से 1951 घंटे खराब वायु गुणवत्ता (वायु गुणवत्ता सूचकांक 150 से ऊपर) के साथ भी मेल खाते हैं। इस तरह साल में केवल 259 घंटे, ही बचते हैं, जब दिल्ली वासी स्वच्छ हवा और सुखद तापमान दोनों का आनंद ले सकते हैं। यानी लगभग तीन प्रतिशत।
8 जून को इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ इंडोर एयर क्वालिटी के हेल्दी बिल्डिंग 2025 सम्मेलन में प्रस्तुत की गई स्टडी में कहा गया है कि गर्मी और वायु प्रदूषण का ओवरलैप सुरक्षित प्राकृतिक वेंटिलेशन के अवसरों को गंभीर रूप से सीमित कर देता है। इसके चलते राजधानी दिल्ली में साफ हवा और सुखद तापमान का समय कम हो जाता है।
राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दियों के सीजन में स्मॉग और धुंध के चलते हालत खराब हो जाती है। सरकार के कई प्रयासों के बावजूद इसमें कोई सुधार उस स्थिति में नहीं दिखता है, जितना दिखना चाहिए। बीती आप सरकार के दौरान भी समस्याएं हुईं। इस बार दिल्ली में भाजपा सरकार है, देखना होगा कि सरकार किस हद तक प्रदूषण को रोकने में कामयाब होती है।