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दिल्ली-जयपुर हाईवे के भूमिगत पार पथ सुरक्षित नहीं

गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजीव चौक और इफ्को चौक पर बने भूमिगत पार पथ मानसून में जलभराव के कारण असुरक्षित हो जाते हैं। पिछले साल राजीव चौक में एक युवक की मौत हो चुकी है। जीएमडीए ने बरसाती...

दिल्ली-जयपुर हाईवे के भूमिगत पार पथ सुरक्षित नहीं
Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवMon, 16 Sep 2024 05:42 PM
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गुरुग्राम। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राजीव चौक और इफ्को चौक पर भूमिगत पार पथ का निर्माण तो कर दिया, लेकिन यह मानसून में असुरक्षित हो जाते हैं। पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण यह भूमिगत पार पथ पानी में डूब जाते हैं। 19 जुलाई, 2021 को राजीव चौक भूमि पार पथ में एक युवक की मौत हो भी चुकी है। इस हादसे के बाद हर साल जिला प्रशासन की तरफ से मानसून में इन दोनों भूमिगत पार पथ को लोगों के आवागमन के लिए बंद कर दिया जाता है। फरीदाबाद के अंडरपास में जलभराव के कारण निजी बैंक के दो कर्मचारियों की मौत के बाद 'हिंदुस्तान' ने सोमवार को राजीव चौक और इफ्को चौक पर करीब 16.17 करोड़ की लागत से बने भूमिगत पार पथ का निरीक्षण कर वहां की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। बता दें कि एनएचएआई ने राजीव चौक, सिग्नेचर टावर, मेदांता अस्पताल और इफ्को चौक अंडरपास को साल 2018 में यातायात के लिए खोल दिया था। इसी साल में राजीव चौक और इफ्को चौक पर बनाया गया भूमिगत पार पथ बनकर तैयार हो गया था। एनएचएआई की योजना के तहत इन चौराहों को पार करने में हो रहे सड़क हादसे को देखते हुए इन भूमिगत पार पथ को बनाया था, लेकिन मानसून में यह भूमिगत पारपथ खतरनाक हो जाते हैं। इन भूमिगत पार पथ में 12 से 15 फीट तक पानी भर जाता है।

जिला प्रशासन की तरफ से मानसून में इन अंडरपास के अंदर गेट पर तो ताले लगा दिए जाते हैं, लेकिन रैंप को बंद नहीं किया जाता है। मानसून में रैंप पर भी तीन से चार फीट तक पानी भर जाता है, ऐसे में यह असुरक्षित के दायरे में रहता है। बता दें कि राजीव चौक और इफ्को चौक पर भूमिगत पार पथ बनाने के लिए 16.17 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इन भूमिगत पैदल पारपथ को पैदल, साइकिल और मोटरसाइिकल के आवागमन के लिए बनाया था। इस पैदल पार पथ के माध्यम से सोहना-गुरुग्राम रोड, मिनी सचिवालय, दिल्ली-जयपुर हाईवे और जयपुर-दिल्ली हाईवे की तरफ आवागमन किया जा सकता है।

राजीव चौक पर बरसाती पानी की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं

राजीव चौक पर अंडरपास के आसपास बरसाती पानी की निकासी को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने बरसाती नाला तैयार करने के लिए एक कंपनी को करीब ढाई करोड़ रुपये का टेंडर आवंटित किया था, लेकिन वन विभाग ने इस काम को रूकवा दिया। वन विभाग का कहना है कि जिस जमीन पर बरसाती नाला बनाने की योजना जीएमडीए ने तैयार की है, वह वन क्षेत्र है। वन क्षेत्र में यदि बरसाती नाला बनाना है तो उसके बदले में दूसरी जगह पर जमीन उपलब्ध करवानी होगी। ऐसे में जीएमडीए की यह योजना अटक गई। अब अंडरपास के आसपास बरसाती पानी की निकासी के लिए दो पंप लगाए हुए हैं। तेज बरसात के दौरान यह पंप भी नाकाफी हो जाते हैं, जिस दौरान अंडरपास डूबने का खतरा बना रहता है।

राजीव चौक अंडरपास के दोनों तरफ बरसात में एक से डेढ़ फीट तक पानी भर जाता है। जीएमडीए ने राजीव चौक अंडरपास को जलभराव से बचाने के लिए दोनों तरफ पंप के अलावा अंडरपास के प्रवेश और निकासी पर ब्रेकर बनाया हुआ है। जीएमडीए की योजना थी कि इस बरसाती पानी को लेकर राजीव चौक से पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस, पुलिस आयुक्त कार्यालय के सामने से होते हुए पुराने जेल लेंड के समीप से निकल रहे मुख्य बरसाती नाले से जोड़ा जाए, लेकिन वन विभाग ने इस योजना को अटका दिया। खास बात यह है कि बरसाती नाले के निर्माण को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आदेश जारी किए थे। जीएमडीए और वन विभाग के अधिकारियों को मिलकर इस विवाद को सुलझाने के लिए कहा था, लेकिन दो साल बाद भी यह विवाद अनसुलझा है।

राजीव चौक अंडरपास के दोनों तरफ बरसाती नाला बनाने की योजना बनाई थी। इसके तहत टेंडर भी आवंटित कर दिया था, लेकिन वन भूमि होने के कारण वन विभाग ने बरसाती नाले का निर्माण रोक दिया है। ऐसे में राजीव चौक अंडरपास के दोनों तरफ पंप लगाए हुए हैं, जिससे बरसाती पानी को निकाला जाता है। वन विभाग से बरसाती नाला निर्माण की अनुमति देने का आग्रह किया है।

- राजेश बंसल, मुख्य अभियंता, जीएमडीए

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