दिल्ली-एनसीआर में बढ़ी धुंध की मार, दृश्यता हुई कम; AQI 15वें दिन भी 'बहुत खराब'
दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह से ही घनी धुंध छाई हुई है, जिसके चलते विजिबिलिटी में काफी गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है।
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और एनसीआर के अन्य हिस्सों में बुधवार सुबह से ही घनी धुंध छाई हुई है, जिसके चलते विजिबिलिटी में काफी गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। वहीं गाजियाबाद में आज इस सीजन का पहला कोहरा छाया है और यहां विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम है।
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीसीबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि बुधवार सुबह 5 बजे दिल्ली के आनंद विहार में औसत एक्यूआई 393 था। वहीं स्विस ग्रुप IQAir की लाइव रेटिंग के अनुसार, नोएडा में एक्यूआई 1133 ‘खतरनाक’ था, जिसमें PM2.5 मुख्य प्रदूषक था।
धुंध और हल्के से मध्यम कोहरे के कारण सुबह के समय दृश्यता कम हो गई। विशेषज्ञों की मानें तो शाम और रात में धुंध की स्थिति बनी रहेगी, जिससे विजिबिलिटी और भी कम होगी और लोगों, खासकर सांस संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ेगा।
30 अक्टूबर से एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है, जब इसे 307 दर्ज किया गया था। बता दें कि, अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्सर दिल्ली में वायु प्रदूषण में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
गुरुग्राम-फरीदाबाद में पहली बार छाया घना स्मॉग
गुरुग्राम और फरीदाबाद भी आज घने कोहरे की चादर में लिपटे नजर आए। स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में बुधवार की सुबह धुंध में लिपटी नजर आई। यह पहली बार है जब शहर में इतना घना स्मॉग देखने को मिला है। हवा की खराब गुणवत्ता और प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। शहर की मुख्य सड़कों पर वाहन धीमी गति से चलते नजर आए। दृश्यता कम होने की वजह से वाहन चालकों को अपने हेडलाइट जलाकर यात्रा करनी पड़ी। पैदल चलने वालों को भी धुंध के बीच रास्ता तय करने में परेशानी हुई।
सुबह हवा पांच गुना जहरीली
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार, बुधवार सुबह 8 बजे शहर के अलग-अलग इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब स्थिति में दर्ज किया गया। एनआईटी फरीदाबाद में एक्यूआई 230 तक पहुंच गया। सेक्टर-11 में एक्यूआई 228 दर्ज हुआ, जबकि सेक्टर-30 में स्थिति थोड़ी बेहतर रही, जहां एक्यूआई 128 था। सेक्टर-16 में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां एक्यूआई 242 तक पहुंच गया। बल्लभगढ़ में भी स्थिति गंभीर रही, जहां एक्यूआई 232 रिकॉर्ड किया गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्मॉग का मुख्य कारण हवा में बढ़ता प्रदूषण और मौसम में बदलाव है। सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही हवा में नमी बढ़ गई है, जिससे प्रदूषक कण वातावरण में अधिक समय तक बने रहते हैं। इसके अलावा, शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या और आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने से भी प्रदूषण बढ़ा है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक परेशानी हो रही है।
पार्कों में कम दिखे लोग
स्मॉग की वजह से लोग घर से बाहर कम निकले। खासतौर से सुबह पार्क में सैर करने के लिए जाने वालों की संख्या काफी कम रही। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह के समय घर से बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो मास्क पहनकर ही निकलें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए प्रशासन को भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हवा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
तापमान में आई गिरावट
वहीं, गुरुग्राम में आज इस साल 2024 का पहला कोहरा नजर आया। कोहरे की वजह से ट्रैफिक पर भी खासा असर पड़ रहा है और तापमान में एकदम से गिरावट देखी जा रही है। पूरे गुरुग्राम शहर पर कोहरे की चादर छाई हुई है। कोहरे के कारण दिन में अंधेरा सा हो गया है और सड़कों पर बचाव के लिए वाहनों चालक लाइट का सहारा ले रहे हैं। गुरुग्राम में सुबह 19 डिग्री सेल्सियस के करीब तापमान रिकॉर्ड किया गया।
बता दें कि, शून्य से 50 के बीच का AQI "अच्छा", 51 से 100 "संतोषजनक", 101 से 200 "मध्यम", 201 से 300 "खराब", 301 से 400 "बहुत खराब", 401 से 450 "गंभीर" और 450 से ऊपर "गंभीर प्लस" माना जाता है।