सफेद गैंडे के सींग की सौदेबाजी, एक करोड़ में तय हुई डील; ग्राहक बनकर पहुंची पुलिस
दिल्ली पुलिस ने दुर्लभ सफेद गैंडे के सींगों का अवैध व्यापार करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से बरामद सींगों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 3 करोड़ रुपए है। सफेद गैंडा अफ्रीकी देशों की मूल प्रजाति है और इसे लुप्तप्राय माना जाता है।
दिल्ली पुलिस ने दुर्लभ सफेद गैंडे के सींगों का अवैध व्यापार करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से बरामद सींगों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 3 करोड़ रुपए है। सफेद गैंडा अफ्रीकी देशों की मूल प्रजाति है और इसे लुप्तप्राय माना जाता है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो दुर्लभ गैंडे के सींगों को रखने और अवैध व्यापार में शामिल होने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में लाजपत नगर निवासी दीपक शर्मा, के अलावा सुरेश कुमार, संत राम और अनिल कुमार सेठी शामिल हैं। ये तीनों उत्तम नगर के निवासी हैं। चारों को सफेद गैंडे के सींगों के अवैध व्यापार में शामिल पाया गया। बरामद सींगों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 3 करोड़ रुपए है।
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार सेन ने बताया कि पुलिस को गैंडे के सींगों की अवैध व्यापार के बारे में सूचना मिली। इसके बाद 9 जनवरी को लाजपत नगर में छापेमारी की गई। कांस्टेबल नवीन को एक फर्जी ग्राहक के रूप में भेजा गया था। बातचीत के बाद सींगों की बिक्री का सौदा एक करोड़ रुपए में तय हुआ। अपराधियों ने खरीदार को सींग देने की योजना बनाई। उसके बाद टीम ने लाजपत नगर के फ्लैट से चार आरोपियों को पकड़ा और दो सींग बरामद किए।
अधिकारी ने आगे कहा कि पूछताछ करने पर आरोपी सींगों के कानूनी कब्जे को साबित करने के लिए कोई भी दस्तावेज दिखाने में विफल रहा। सींगों की जांच करने वाले वन्यजीव विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि वे सफेद गैंडे के हैं। पुलिस ने कहा कि सफेद गैंडे की सींग की दुर्लभता और मांग के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी काफी कीमत है।
पूछताछ के दौरान दीपक शर्मा ने बताया कि गैंडे के सींग उनके परिवार में करीब 90 साल से हैं। कहा कि उसके दादा ने सींगों को प्राचीन वस्तुओं के रूप में रखा था। कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ी वित्तीय परेशानियों के कारण उसने उन्हें बेचने का फैसला किया। पुलिस ने कहा कि सींगों की ऊंची कीमत जानने के बाद शर्मा सींगों को एक करोड़ रुपए में बेचने के लिए उत्तम नगर के एक महंत सुरेश कुमार के पास पहुंचा। कुमार ने एक सरकारी कर्मचारी संत राम से संपर्क किया, जिसने सौदे को अंतिम रूप देने के लिए अनिल कुमार सेठी से संपर्क किया।
सुरेश कुमार को एक आश्रम में निर्माण कार्य के लिए धन की आवश्यकता थी, जबकि संत राम और अनिल कुमार भी कर्ज में डूबे हुए थे। पुलिस ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें वन्यजीव उत्पादों के अवैध कब्जे और बिक्री से संबंधित आरोप भी शामिल हैं। सेन ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी नेटवर्क में शामिल अन्य व्यक्ति की पहचान करने और उसे पकड़ने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।