देहव्यापार कराने की दोषी सोनू पंजाबन की सजा के खिलाफ अपील खारिज, हाई कोर्ट का आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट से मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में सैक्स रैकेट चलाने की आरोपी सोनू पंजाबन को तगड़ा झटका लगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की की खरीद-फरोख्त और उससे जबरन देहव्यापार कराने के आरोपों में दोषी सोनू पंजाबन की सजा के खिलाफ याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की की खरीद-फरोख्त व उससे जबरन देहव्यापार समेत अन्य आरोपों में दोषी गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन की सजा के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में पीड़िता के बयान भरोसे के काबिल हैं। इसलिए सोनू पंजाबन व संदीप बेदवाल को राहत देने से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि इन दोषियों के खिलाफ पहले से कई मामले हैं। इनके कृत्य दोषपूर्ण रहे हैं। किसी एक मामले में उनसे अच्छे कर्म की उम्मीद करना उचित नहीं है। ज्ञात रहे कि सोनू पंजाबन व संदीप को वर्ष 2020 में दोषी ठहराते हुए सत्र अदालत ने 14-14 साल की जेल की सजा सुनाई थी। इन पर अलग-अलग धाराओं के तहत जुर्माना भी लगाया गया था।
यह मामला वर्ष 2014 में नजफगढ़ थाने में दर्ज कराया गया था। इस मामले में पीड़िता ने बयान दर्ज कराते हुए बताया था कि संदीप ने शादी का झांसा दे उसे वर्ष 2009 में अगवा किया। वह उसके साथ बलात्कार कर उसे देहव्यापार में धकेल दिया। वह दर्जनभर बार बेची गई।
सोनू पंजाबन ने भी उसे खरीदा व उससे देहव्यापार कराया। जिस समय संदीप ने उसे अगवा किया उसकी उम्र 12 साल दस महीने दो दिन दिन थी। किसी तरह वह पांच साल बाद 2014 में पुलिस तक पहुंच पाई व अपना मामला दर्ज करा पाई।
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