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दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों के लिए जारी किया SOP, तत्काल प्रभाव से लागू करना होगा

दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर राजधानी के सभी स्कूलों में एक व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) शुरू की है। इसमें सीसीटीवी कैमरे लगाना, निकासी योजना बनाना और नियमित सुरक्षा ऑडिट तथा मॉक ड्रिल जैसे कई उपाय शामिल हैं।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, नई दिल्लीSun, 18 May 2025 09:38 PM
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दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों के लिए जारी किया SOP, तत्काल प्रभाव से लागू करना होगा

दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर राजधानी के सभी स्कूलों में एक व्यापक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) शुरू की है। इसमें सीसीटीवी कैमरे लगाना, निकासी योजना बनाना और नियमित सुरक्षा ऑडिट तथा मॉक ड्रिल जैसे कई उपाय शामिल हैं।

बम की धमकियों से निपटने के लिए शिक्षा निदेशालय (डीओई) द्वारा तैयार किए गए इस प्रोटोकॉल में रोकथाम, तैयारी, रिएक्शन और रिकवरी पर ध्यान केंद्रित करने वाली चार-स्तरीय रणनीति है। डीओई ने कहा कि इसका उद्देश्य आपात स्थितियों के दौरान त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करते हुए तैयारी और सतर्कता की संस्कृति को बढ़ावा देना है। इसमें कहा गया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए स्कूलों को अब अपने संबंधित जिला अधिकारियों को मासिक सुरक्षा चेकलिस्ट जमा करनी होगी।

एसओपी में फर्जी धमकियों के खिलाफ सख्त चेतावनी भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि झूठे अलार्म के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह छात्रों, अभिभावकों और कर्मचारियों पर भी लागू होता है। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 2024-25 में दिल्ली के 200 से अधिक स्कूलों को बम की धमकियां मिली थीं, जो झूठी निकलीं।

शिक्षा निदेशालय के एक बयान के अनुसार, एसओपी का मसौदा दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद तैयार किया गया है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। यह तत्काल प्रभाव से राजधानी के सभी स्कूलों पर लागू होगा। इसमें सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, अल्पसंख्यक संचालित और मान्यता प्राप्त गैर-सहायता प्राप्त निजी संस्थान शामिल हैं।

एसओपी में दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवा और ट्रैफिक पुलिस जैसी आपातकालीन सेवाओं के साथ निर्बाध समन्वय का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि स्कूलों को भवन के लेआउट को अपडेट रखना होगा, सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और खतरे का आकलन करने और निकासी के दौरान पुलिस और अग्निशमन कर्मियों की सहायता के लिए अपने परिधि को सुरक्षित करना होगा।

एसओपी में विशेष जरूरत वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) को निकालने के लिए स्पष्ट निर्देश शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि स्कूलों को एक अलग निकासी योजना तैयार करनी चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि किसी भी आपात स्थिति के दौरान कोई भी बच्चा पीछे न छूट जाए।" दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 नवंबर 2024 को अधिकारियों को इस मामले में विस्तृत एसओपी के साथ एक व्यापक कार्य योजना विकसित करने का निर्देश दिया था।