पलूशन फैलाने वालों पर सख्ती, क्लाउड सीडिंग पर भी जोर; दिल्ली सरकार के फैसले की 5 बड़ी बातें
दिल्ली सरकार ने पलूशन की रोकथाम के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों के मुताबिक, दिल्ली में अब 15 साल पुराने वाहनों को अप्रैल से पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। दिल्ली सरकार के फैसले की पांच बड़ी बातें...

दिल्ली सरकार ने पलूशन की रोकथाम के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों के मुताबिक, दिल्ली में अब 15 साल पुराने वाहनों को पहली अप्रैल से फ्यूल नहीं मिलेगा। इसके लिए पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण लगाए जा रहे हैं जो 15 साल पुराने वाहनों की पहचान कर लेंगे। अब तक 80 फीसदी पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण लगाए भी जा चुके हैं। 31 मार्च तक सभी पंपों पर ऐसे उपकरण लगा लिए जाएंगे। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण से निपटने को लेकर हुई बैठक में अधिकारियों को यह आदेश लागू करने का निर्देश दिया है।
पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा ईंधन
1- दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिन्द्र सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली में सभी पेट्रोल पंपों पर 15 साल पुराने वाहनों को 31 मार्च के बाद ईंधन भरवाने पर रोक रहेगी। प्रतिबंधित 10 साल पुराने डीजल वाहनों को भी 31 मार्च के बाद डीजल नहीं मिलेगा।
व्यवसायिक इमारतों और निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन
2- बैठक में होटल, व्यवसायिक इमारतों और निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है ताकि हवा में शामिल महीन कणों को कम किया जा सके।
इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी
3- पत्रकारों से बातचाती में मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठा रही है। इसमें पुराने वाहनों पर प्रतिबंध और एंटी-स्मॉग गन लगाने के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाना है। नई सरकार की योजना दिसंबर 2025 तक दिल्ली में सीएनजी चालित करीब 90 फीसदी सार्वजनिक परिवहन बसों को हटाने और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाने की है।
कृत्रिम बारिश कराएंगे
3- बैठक में कृत्रिम बारिश कराने से लेकर नए हरित क्षेत्र बनाने पर जोर दिया गया। सिरसा ने कहा कि हम क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) को लेकर भी काम करना शुरू करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जब दिल्ली में प्रदूषण सबसे अधिक होगा तब कृत्रिम बारिश के माध्यम से प्रदूषण को कम किया जा सके।
प्रतिबंधों का कड़ाई से कराएंगे पालन
4- बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि प्रदूषण के लिए तीन कारक हैं। पहला सड़कों पर धूल उड़ने से प्रदूषण होता है। दूसरा, वाहनों और तीसरा निर्माण स्थलों से प्रदूषण होता है। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को लेकर पुराने वाहनों लागू प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने पर चर्चा की गई।
प्रदूषण फैलाने वालों पर होगी सख्ती
5- मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राजधानी में प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई भी होगी। दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश को लेकर जांच बढ़ाई जाएगी। ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि नियमों के तहत ही भारीवाहनों को प्रवेश मिले। दिल्ली में जो नई हाई ऊंची इमारतें बन रही है उसके लिए भी नए नियम बनाएं जाएंगे।