Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi AQI 494 Today But Why International Monitor like IQAir Said it was 1600 Explained

494 था दिल्ली का AQI, फिर अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी ने 1600 क्यों बताया? प्रदूषण का खतरनाक स्तर समझिए

  • अंतरराष्ट्रीय मॉनिटरिंग ऐप IQAir ने दिल्ली का AQI 1,600 बताया, जो CPCB के आंकड़ों से काफी अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार, AQI मापने के लिए हर देश के अलग मानक (standards) होते हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 19 Nov 2024 04:23 PM
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Delhi AQI 494 Today: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर मंगलवार को बेहद खराब रहा, जहां औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 494 तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकांश निगरानी स्टेशनों पर AQI का स्तर 500 रिकॉर्ड किया गया। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया गया है।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मॉनिटरिंग ऐप IQAir ने दिल्ली का AQI 1,600 बताया, जो CPCB के आंकड़ों से काफी अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार, AQI मापने के लिए हर देश के अलग मानक (standards) होते हैं। भारत में PM 2.5 के लिए सुरक्षित स्तर 60 है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक को अपनाने वाले देशों में यह 5 या 10 तक सीमित है। इसी तरह, भारत में AQI का उच्चतम स्तर 500 तय किया गया है, जो इस बात का संकेत है कि इससे ऊपर का स्तर अत्यधिक खतरनाक है।

CPCB के अनुसार, AQI के विभिन्न स्तर इस प्रकार हैं:

0-50: अच्छा

51-100: संतोषजनक

101-200: मध्यम

201-300: खराब

301-400: बहुत खराब

401-450: गंभीर

450-500: अति-गंभीर

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, IQAir अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) द्वारा विकसित मॉडल पर आधारित है। इसने 500 से अधिक AQI को 'खतरनाक' श्रेणी में रखता है। IQAir जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने दिल्ली-एनसीआर में कुछ स्थानों पर सेंसर लगाए हैं। हालांकि, इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि सेंसर मानक उपकरणों के साथ सही जगह पर लगाए गए हैं या नहीं।

दिल्ली में GRAP का चौथा चरण लागू

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत, दिल्ली में BS-IV या उससे पुराने डीजल वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, दिल्ली में बाहरी राज्यों से आने वाले ट्रकों और हल्के व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है, सिवाय उन वाहनों के जो आवश्यक सेवाएं या सामान ला रहे हैं।

वर्तमान स्थिति में, विशेषज्ञों ने नागरिकों को CPCB द्वारा जारी AQI पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। CPCB के दिल्ली-एनसीआर में 40 से अधिक निगरानी केंद्र हैं, जो प्रदूषण स्तर का आकलन करते हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा लगाए गए सेंसर के सही स्थान और मानक उपकरण के उपयोग को लेकर अभी तक स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। दिल्लीवासियों को प्रदूषण से बचने के लिए सावधान रहने और मास्क पहनने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता, तो और सख्त उपाय लागू किए जा सकते हैं।

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