गुरुग्राम में घोड़ी पर निकली दलित दूल्हे की बारात, दबंगों ने कर दिया पथराव; 10 बाराती घायल
गुरुग्राम के गांव बादशाहपुर टैठड़ में गाजे-बाजे के साथ निकल रही दलित युवक की बारात पर पथराव करने का मामला सामने आया है। बारातियों ने जैसे-तैसे दूल्हे को विवाह स्थल तक सुरक्षित पहुंचाया। हालांकि, इस पथराव में 10 बाराती घायल हो गए।
गुरुग्राम के गांव बादशाहपुर टैठड़ में गाजे-बाजे के साथ निकल रही दलित युवक की बारात पर पथराव करने का मामला सामने आया है। बारातियों ने जैसे-तैसे दूल्हे को विवाह स्थल तक सुरक्षित पहुंचाया। हालांकि, इस पथराव में 10 बाराती घायल हो गए। आरोप है कि दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ा देखकर लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। घायलों में आठ को सोहना अस्पताल में भर्ती करवाया, जबकि दो बारातियों को गुरुग्राम अस्पताल में भेजा गया। थाना सोहना पुलिस ने इस मामले में सवर्ण समाज की 18 महिलाओं और पुरुषों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
निमोठ पुलिस चौकी के अंतर्गत गांव बादशाहपुर टैठड़ निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार बलबीर की बेटी हेमलता की गुरुवार को शादी थी। बलबीर अपने सगे संबंधियों के साथ बारात का इंतजार कर रहे थे। दूल्हा अरुण तावडू के गांव सूंध का रहने वाला है। दूल्हे का पिता धर्मपाल भी सेवानिवृत्त सूबेदार हैं। अरुण भी गांव में बुक डिपो और नागरिक सुविधा केंद्र चलाते हैं। निर्धारित मुहुर्त पर बारात गांव टैठड़ में पहुंच गई। हेमलता के भाई मांगेराम ने बताया कि घर से करीब 50 मीटर की दूरी पर डीजे और बैंडबाजे की आवाज सुनाई दे रही थी। तभी अचानक चीखने चिल्लाने की आवाज आने लगी। बारात में भगदड़ मच गई।
मांगेराम ने बताया कि मौके पर पहुंचकर देखा कि सवर्ण समाज के युवाओं ने बारातियों पर पथराव कर दिया। जब इसका विरोध किया गया तो इनके परिवार की महिलाओं ने भी लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में 10 बारातियों को चोट पहुंचीं है। इसके अलावा 10 कार क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उनके शीशे टूट गए हैं। बारातियों ने दूल्हे की जान बचाकर उसे घोड़ी से उतार दिया और दौड़ाकर उसे विवाह स्थल तक पहुंचाया। आरोप है कि आरोपियों को दलित दूल्हे का घोड़ी पर बैठना पसंद नहीं आया। डीजे और बैंडबाजा भी उन्हें रास नहीं आया।
सहायक पुलिस आयुक्त से सख्त कार्रवाई की मांग
दुल्हन के भाई ने बताया कि सोची समझी साजिश के तहत हमला किया गया। पहले से छत के ऊपर पत्थर रखे गए थे। इस हमले में बाराती अभिषेक, गौरव, इन्द्रजीत, सीताराम, जीतसिंह, जतीन, दीपक और भूपेन्द समेत 10 लोग घायल हो गए। इसके अलावा करीब 20-25 बारातियों को हल्की चोट पहुंचीं है। शुक्रवार को बादशाहपुर टैठड़ के सरपंच यशपाल के नेतृत्व में अनुसूचित समाज के लोगों ने सहायक पुलिस आयुक्त अभिलक्ष जोशी से मुलाकात की। उनसे भाईचारा बिगाड़ने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
36 साल बाद हुआ विरोध
इस गांव में 36 साल पहले इस तरह का विवाद हुआ था। इसके बाद से लोगों में आपसी भाईचारा था। एक-दूसरे की शादियों में लोग शामिल होने जाते थे। साल 1988 के बाद दोबारा विवाद हुआ है। समाज के वरिष्ठ नेता भागीरथ राघव ने बताया कि ग्रामीण अंचल में बेटियों को एक समान दर्जा दिया जाता है। यह घटना दुखद है। इस प्रकार की घटनाओं से समाज में दरार आती है।
प्रदर्शन की चेतावनी दी
दलित समुदाय ने कहा कि यदि जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो पूरा समुदाय इकट्ठा होगा। इसके बाद बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।
सोहना के सहायक पुलिस आयुक्त अभिलक्ष जोशी ने कहा, 'इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें महिलाएं भी शामिल हैं। जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।'