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अगर उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की होती कि... ; अयोध्या विवाद में CJI की टिप्पणी पर क्या बोले कांग्रेस नेता उदित राज

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा अयोध्या विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना करने की बात कहने एक दिन बाद कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने इस पर चुटकी ली है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 21 Oct 2024 02:23 PM
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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा अयोध्या विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना करने की बात कहने एक दिन बाद कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने इस पर चुटकी ली है। उदित राज ने कहा कि अगर चीफ जस्टिस ने अन्य मुद्दों के लिए भी प्रार्थना की होती, तो वे मामले भी सुलझ सकते थे और आम लोगों को न्याय मिल सकता था। साथ ही ईडी, सीबीआई और आईटी का दुरुपयोग बंद हो जाता।

कांग्रेस नेता उदित राज ने सेमवार को अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी ने कहा अयोध्या मुद्दे के समाधान को भगवान से की थी प्रार्थना। कुछ और मुद्दों पर प्रार्थना करते तो उसका भी समाधान हो जाता जैसे एक आम आदमी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से बिना पैसे के न्याय ले पाता। ईडी, सीबीआई और आईटी का दुरपयोग बंद हो जाता।''

अयोध्या विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी : चंद्रचूड़

भाषा के अनुसार, दरअसल, सीजेआई चंद्रचूड़ ने रविवार को पुणे के खेड़ तालुका में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर के निवासियों को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए ईश्वर से प्रार्थना की थी। उन्होंने कहा था कि अगर आस्था हो तो ईश्वर कोई भी रास्ता निकाल देते हैं।

सीजेआई ने कहा कि अक्सर हमारे पास फैसले के लिए मामले आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते। अयोध्या विवाद के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था। मैं ईश्वर के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें इसका समाधान ढूंढना होगा। सीजेआई ने कहा कि मेरा विश्वास करें, यदि आपको भरोसा है तो ईश्वर हमेशा कोई रास्ता निकाल देंगे।

देश के तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने 9 नवंबर, 2019 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करके उस विवादास्पद मुद्दे का निपटारा किया था, जो एक सदी से भी अधिक पुराना था। बेंच ने यह भी फैसला दिया था कि अयोध्या में ही वैकल्पिक 5 एकड़ के प्लॉट पर मस्जिद बनाई जाएगी। जस्टिस चंद्रचूड़ वो ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली बेंच का हिस्सा थे।

बता दें कि, चीफ जस्टिस इस वर्ष जुलाई में अयोध्या में राम मंदिर गए थे और पूजा-अर्चना की थी। राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह इस वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित हुआ था।

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