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क्या केजरीवाल ने भी BJP के सामने डाल दी वही गेंद, जिस पर गहलोत को पछताना पड़ा

चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही महाराष्ट्र और झारखंड के लिए हुआ हो। लेकिन दिल्ली में भी चुनावी दंगल में का आगाज हो गया है। राजधानी में चुनावी बिगुल बजने से पहले ही आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच घमासान तेज हो गया है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 17 Oct 2024 04:49 PM
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चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही महाराष्ट्र और झारखंड के लिए हुआ हो। लेकिन दिल्ली में भी चुनावी दंगल का आगाज हो गया है। राजधानी में बिगुल बजने से पहले ही आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच घमासान तेज हो गया है। इस बीच 'आप' की ओर से चले गए एक दांव की तुलना राजस्थान में अशोक गहलोत की चाल से होने लगी है। हालांकि, गहलोत के लिए यह उलटा पड़ गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल ने भी भाजपा के सामने वही गेंद डाल दी है? आइए समझने की कोशिश करते हैं।

दिल्ली की बात से पहले याद करिए राजस्थान में क्या हुआ था

बात बस एक साल पुरानी है। राजस्थान में 5 साल सरकार चलाने के बाद चुनाव में उतरते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता को बताने की कोशिश की कि यदि भाजपा की सरकार बनी तो उन योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा, जिनसे उन्हें कई सुविधाएं मिल रही हैं। 25 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज, महंगाई राहत कैंप के तहत 500 रुपए में गैस सिलेंडर, हर घर को 100 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को बस सफर पर 50 फीसदी सब्सिडी जैसी योजनाओं के बूते गहलोत सत्ता में वापसी की राह देख रहे थे। इस बीच उन्होंने एक ऐसी 'यॉर्कर' फेंकी जिसे भाजपा ने फुलटॉस बनाकर बड़ा शॉट लगा दिया।

गहलोत ने कहा कि पीएम मोदी इस बात की गारंटी दें कि यदि भाजपा की सरकार बनी तो कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने गहलोत की ओर से दिए गए मौके को भुनाने में देर नहीं की। उन्होंने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक रैली के दौरान मंच से ऐलान कर दिया कि भाजपा की सरकार बनी तो गहलोत की अच्छी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा, बल्कि और भी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमीन पर जनता के बीच इस बात को खूब प्रचारित किया कि गहलोत की अच्छी योजनाओं का लाभ उन्हें भाजपा सरकार भी देगी। माना जाता है कि ऐसा करके भाजपा उन वोटर्स को भी अपने पाले में खींच लाई जो कांग्रेस सरकार की योजनाओं के लाभार्थी और प्रशंसक थे।

अब केजरीवाल ने भी चला वही दांव, भाजपा ने तुरंत कर दिया बड़ा ऐलान

इधर, दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल जनता को यह डर दिखाने में जुट गए हैं कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, महिलाओं को मुफ्त बस सफर, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं को बंद कर दिया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करते हुए जनता के नाम जो लेटर लिखा है उसमें इसी बात को सबसे प्रमुखता से उठाया है। माना जाता है कि दिल्ली में 'आप' की सफलता के पीछे उसकी मुफ्त वाली कुछ फ्लैगशिप योजनाएं हैं।

राजस्थान की तर्ज पर ही भाजपा दिल्ली में भी ‘आप’ सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को अपने पाले में लाने की कोशिश शुरू कर दी है। केजरीवाल की ओर से मुद्दा उठाए जाने के तुरंत बाद भाजपा ने यह ऐलान कर दिया है कि यदि राजधानी में उसकी सरकार बनी तो उन 'रेवड़ियों' का स्वाद मिलता रहेगा जो 'आप' सरकार दे रही है। साथ में और अधिक सुविधाएं दी जाएंगी। विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल के भाषण के कुछ घंटों बाद ही कहा, 'मैं दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं कि भाजपा की सरकार आने वाली है और हम मौजूदा किसी भी योजना को बंद नहीं करेंगे। चाहे बिजली, पानी या डीटीसी बस का मामला हो। सभी सुविधाएं मिलती रहेंगी और मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार और भी सुविधाएं देने जा रही है।'

दिल्ली में होगी रेवड़ी की बरसात!

राजनीति के मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि दिल्ली में अगले कुछ महीनों में रेवड़ी की बरसात होने वाली है। एक तरफ जहां आप सरकार केजरीवाल की रेवड़ियों को जारी रखने का भरोसा देगी तो इस बार भाजपा और कांग्रेस की ओर से भी कई बड़े वादे किए जाएंगे। दोनों ही दलों की ओर से मुफ्त बिजली-पानी, इलाज के अलावा कई लोकलुभावन वादे किए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक भाजपा हरियाणा और झारखंड की तरह दिल्ली में भी महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा कर सकती है। इसके 300 यूनिट मुफ्त बिजली का भी वादा किया जा सकता है। कांग्रेस भी अपने पुराने गढ़ में वापसी के लिए कुछ बड़े वादे कर सकती है।

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