मुस्तफाबाद हादसे की दर्दभरी कहानियां; एक परिवार की पूरी पीढ़ी खत्म, पति व बच्चे को बचा महिला ने तोड़ा दम
- भुलन ने कहा, 'मैंने शुक्रवार शाम को अपने भाई से बात की और सबकुछ ठीक लग रहा था। मेरा भाई और उसका परिवार 20 साल तक बिना किसी परेशानी के इस इलाके में रहा और फिर अचानक यह भयानक दुर्घटना हो गई।'

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद के शक्ति विहार इलाके में शनिवार तड़के एक बहुमंजिला आवासीय इमारत के ढहने से 11 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। इस दर्दनाक हादसे में एक शख्स ने अपने परिवार के सात लोगों को एकसाथ खो दिया। इस दौरान उसके परिवार की एक पूरी पीढ़ी खत्म हो गई। इस बारे में जानकारी देते हुए भुलन नाम के शख्स ने कहा, 'मैंने अपने 60 वर्षीय भाई तहसीन और उसके परिवार के छह अन्य सदस्यों को एक पल में खो दिया।' भुलन ने बताया कि हादसे में उनके भाई तहसीन के साथ ही उसके बेटे, दो बहुएं और तीन पोते-पोतियों की मौत हो गई। वहीं एक ऐसी महिला की मौत भी हो गई, जिसने मलबे से जिंदा निकलने के बाद अपने पति और बेटे को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की और फिर गश खाकर ऐसी गिरी कि फिर नहीं उठी।
भुलन ने हादसे से कुछ घंटे पहले यानी शुक्रवार की शाम को अपने भाई तहसीन से हुई बातों को याद करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ऐसी कोई त्रासदी उनके साथ घटेगी। भुलन ने कहा, 'मैंने शुक्रवार शाम को अपने भाई से बात की और सबकुछ ठीक लग रहा था। मेरा भाई और उसका परिवार 20 साल तक बिना किसी परेशानी के इस इलाके में रहा और फिर अचानक यह भयानक दुर्घटना हो गई।'
एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत
भुलन ने बताया कि इस हादसे में उन्होंने तहसीन (60 साल), उनके बेटे नजीम (30 साल), नजीम की पत्नी शाहिना (28 साल), उनके तीन बच्चे- अनस (6), आफरीन (2) और अफान (2) के साथ ही तहसीन की छोटी बहू चांदनी (23) को खो दिया। इसके अलावा तहसीन के बेटे चांद (25) समेत छह लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि तहसीन की पत्नी जीनत (58) समेत पांच लोगों को अस्पताल में रखा गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना शनिवार तड़के करीब 3 बजे हुई।
तहसीन की बहन संजीदा (55) मलबे के सामने बैठकर फूट-फूट कर रो रही थीं। संजीदा के मुताबिक तहसीन एक प्रॉपर्टी डीलर थे और अपने परिवार के साथ इमारत की पहली मंजिल पर रहते थे। भूतल पर चार दुकानें थीं और बाकी फ्लैट किराएदारों को किराए पर दिए गए थे।
परिवार में कमाने वाले दो युवाओं की मौत
इस हादसे में शहजाद अहमद ने अपने भतीजे दानिश और नावेद को खो दिया, जो अपने माता-पिता के साथ इमारत की तीसरी मंजिल पर रहते थे। अहमद ने कहा, 'मेरे भतीजे परिवार के लिए कमाने वाले सदस्य थे और वही पूरे घर को चलाते थे।' दानिश स्क्रैप डीलर के रूप में काम करता था, जबकि नावेद, जो कि एक छात्र है, परिवार की मदद करने के लिए छोटे-मोटे काम करता था। उनकी मां रेहाना (38) और पिता शाहिद (45) का इलाज चल रहा है।
अहमद ने बताया, 'काम के दौरान शाहिद की एक आंख पर कोई रसायन गिर गया था, जिसके बाद उसे काम करना बंद करना पड़ा। वह पिछले कई सालों से काम नहीं कर रहा था, क्योंकि शाम 6 बजे के बाद उसे ठीक से दिखाई नहीं देता था, जिससे उसके दो बेटे परिवार के लिए कमाने के लिए मजबूर हो गए। हम इस नुकसान से कैसे उबर पाएंगे?'
पति व बच्चों को सुरक्षित निकाला, फिर महिला ने तोड़ा दम
मृतक रेशमा भी अपने परिवार जिसमें उनके पति अहमद (45) और बच्चे- अल्फेज (20), आलिया (17) और तनु (15) शामिल हैं, के साथ चौथी मंजिल पर रहती थी। रेशमा के भाई सोनू अब्बास ने कहा कि जब उसे मलबे से निकाला गया, तब वह जीवित थी। उन्होंने कहा, 'वह उठी, उसने देखा कि उसके पति और बच्चे सुरक्षित हैं और उसने उन्हें मलबे से बाहर निकालने में मदद की।' उन्होंने कहा कि इसके बाद ही वह बेहोश हो गई और उसकी मौत हो गई।
12 घंटे से अधिक समय तक चला राहत व बचाव कार्य
इस हादसे के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली पुलिस और वॉलंटियर्स की टीमों ने 20 साल पुरानी चार मंजिला इमारत के ढहने के बाद घटनास्थल पर 12 घंटे से अधिक समय तक चले राहत व बचाव अभियान में हिस्सा लिया। एक पुलिस सूत्र ने कहा कि भूतल पर दो-तीन दुकानों में निर्माण कार्य के कारण इमारत ढह गई होगी। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि नई दुकान में चल रहे निर्माण कार्य के कारण भी इमारत ढह सकती है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए घटना की जांच के आदेश दिए हैं।