अवध ओझा ने बताया राजनीति में आने का उद्देश्य, बोले- क्यों आम आदमी पार्टी को ही चुना
मोटिवेशनल स्पीकर और प्रसिद्ध शिक्षक अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राजनीति में आने का उद्देश्य बताया। साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने राजनीति में आने के लिए किसी और पार्टी को न चुनकर आप में ही क्यों शामिल हुए।
मोटिवेशनल स्पीकर और प्रसिद्ध शिक्षक अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राजनीति में आने का उद्देश्य बताया। साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने राजनीति में आने के लिए किसी और पार्टी को न चुनकर आप में ही क्यों शामिल हुए।
अवध ओझा ने कहा कि अब राजनीति में शामिल होकर वह शिक्षा को बढ़ावा देना चाहते हैं। आम आदमी पार्टी का दामन थामने के बाद ओझा ने कहा कि राजनीति में आकर शिक्षा का विकास उनका सर्वोत्तम उद्देश्य है। उनका मानना है कि देश और दुनिया में जितने लोग भी महान हुए, उनकी पृष्ठभूमि में कहीं न कहीं शिक्षा का योगदान है।
अवध ओझा ने कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी कहते थे कि दो क्षेत्रों में देश के अच्छे दिमागों को आगे बढ़ना चाहिए। एक शिक्षा और दूसरा राजनीति। उन्होंने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसौदिया का धन्यवाद किया। कहा कि इन्होंने मुझे राजनीति में आकर शिक्षा के लिए काम करने का अवसर दिया है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो परिवार, समाज और राष्ट्र की आत्मा है।
ओझा ने कहा, ''मैं आज अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत पर आप सबसे ये बात साझा करना चाहता हूं कि राजनीति में आकर शिक्षा का विकास मेरा सर्वोत्तम उद्देश्य है। अब तो मैं पार्टी का हिस्सा हूं, इसलिए पार्टी जो भी कहेगी वही करूंगा।''
आम आदमी पार्टी में ही शामिल होने की बात पर भी ओझा ने सफाई दी। आप की शिक्षा नीति पर बात करते हुए ओझा ने कहा कि पार्टी ने शिक्षा के स्तर को काफी सुधारा है। अगर आप देखें तो 12वीं में सरकारी स्कूलों का 97 प्रतिशत रिजल्ट है। 2015 में सरकारी स्कूलों के सिर्फ 15 लड़कों ने आईटीजी में क्वालीफाई किया था। इस बार 783 लड़के क्वालीफाई करने में कामयाब रहे हैं। मेरा यही कहना है कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा।