जाट नेताओं से केजरीवाल की मुलाकात, फिर दोहराई डिमांड; BJP बोली- समुदाय को उकसा रही AAP
Delhi Election: दिल्ली में विधानसभा चुनाव में जाट समुदाय का साथ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर जाटों को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची में शामिल करने की अपनी मांग दोहराई ताकि वे भी नौकरियों और शिक्षा में केंद्र सरकार के आरक्षण का लाभ उठा सकें।
Delhi Election: दिल्ली में विधानसभा चुनाव में जाट समुदाय का साथ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर जाटों को केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची में शामिल करने की अपनी मांग दोहराई ताकि वे भी नौकरियों और शिक्षा में केंद्र सरकार के आरक्षण का लाभ उठा सकें। हालांकि, भाजपा ने आप के रुख की आलोचना की और पू्र्व मुख्यमंत्री केजरीवाल पर राजधानी के जाट समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर ‘उकसाने’ का आरोप लगाया।
केजरीवाल ने जाट कार्ड ऐसे समय पर खेला है दिल्ली में अगले महीने मतदान होने हैं। चुनाव को देखते हुए दोनों ही पार्टियां समुदाय के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही हैं, जिनकी संख्या करीब 700,000 है। यह समुदाय मुंडका, नजफगढ़, नांगलोई जाट, मटियाला, बिजवासन, महरौली, बवाना, नरेला जैसी कुछ सीटों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। दिल्ली के जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग सूची के तहत ओबीसी माना जाता है और उन्हें दिल्ली सरकार के सभी संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिलता है।
हालांकि, यह समुदाय केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं है। जिसका मतलब है कि समुदाय के लोग दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे केंद्रीय संस्थानों में आरक्षण नहीं मिल सकता। बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2014 के आम चुनावों से पहले जाटों को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया था, लेकिन 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया और सवाल किया कि सरकार ने समुदाय के लिए कोटा के खिलाफ सलाह देने वाले पैनल के निष्कर्षों की अनदेखी क्यों की।
सोमवार को केजरीवाल ने अपने आवास पर दिल्ली के जाट नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इससे पहले 9 जनवरी को आप संयोजक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया जाए। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री को लिखे मेरे पत्र का आभार व्यक्त करने के लिए दर्जनों जाट नेता मुझसे मिलने आए। पत्र में, मैंने प्रधानमंत्री को 2015 में दिल्ली के जाट समुदाय को दिए गए आश्वासन की याद दिलाई। पीएम मोदी ने वादा किया था कि दिल्ली का जाट समुदाय दिल्ली की ओबीसी सूची में शामिल है, लेकिन केंद्रीय ओबीसी सूची में नहीं है और इसे केंद्रीय सूची में भी जोड़ा जाएगा।'