हर बूथ पर कितने वोट डाले गए, चुनाव आयोग ने डेटा अपलोड करने से किया इनकार; केजरीवाल का दावा
- अरविंद केजरीवाल का कहना है कि चुनाव आयोग ने हर बूथ पर डाले गए वोटों की संख्या बताने से इनकार कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव नतीजों से पहले चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग ने हर बूथ पर डाले गए वोटों की संख्या बताने से इनकार कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और आम आदमी पार्टी द्वारा बनाई गई एक वेबसाइट की बात भी की है।
अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर कहा, कई बार अनुरोध करने के बावजूद चुनाव आयोग ने फॉर्म 17सी और हर विधानसभा में हर बूथ पर डाले गए वोटों की संख्या अपलोड करने से इनकार कर दिया है।ऐसे में आम आदमी पार्टी ने एक वेबसाइट बनाई है - http://transparentelections.in जहां हमने हर विधानसभा के सभी फॉर्म 17C अपलोड किए हैं। इस फॉर्म में हर बूथ पर पड़े वोटों का पूरा ब्यौरा है।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, दिन भर हम हर विधानसभा और हर बूथ का डेटा प्रस्तुत करेंगे ताकि हर मतदाता तक यह जानकारी पहुंच सके। यह कुछ ऐसा है जो चुनाव आयोग को पारदर्शिता के हित में करना चाहिए था लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
दिल्ली सीईओ के कार्यालय ने एक बयान पोस्ट कर कहा, चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 49एस के अनुसार, सभी पीठासीन अधिकारियों ने मतदान के दिन, 5 फरवरी, 2025 को मतदान केंद्र पर मौजूद प्रत्येक मतदान एजेंट को फॉर्म 17सी में दर्ज वोटों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया था।
इस बीच कल होने वाली मतगणना से पहले आम आदमी पार्टी के उनके विधायकों को 15 करोड़ रुपए का ऑफर दिए जाने वाले दावे पर सियासी पारा हाई हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को उस समय राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई, जब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की एक टीम आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के 5, फिरोजशाह रोड स्थित आवास पर पहुंची।
इससे एक दिन पहले ही केजरीवाल ने भाजपा पर आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से पूर्व पार्टी के 16 उम्मीदवारों को खरीदने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आप उम्मीदवारों को पाला बदलने पर भाजपा की ओर से मंत्री पद और 15-15 करोड़ रुपये मिलने का प्रस्ताव मिला है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीट के लिए पांच फरवरी को मतदान हुआ था और नतीजे शनिवार को घोषित किए जाएंगे।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के आरोपों की जांच एसीबी से कराने के आदेश दिए। हालांकि, स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब आप नेताओं ने एसीबी अधिकारियों को केजरीवाल से मिलने से रोक दिया और उन पर भाजपा के प्रभाव में काम करने का आरोप लगाया।
आम आदमी पार्टी के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख संजीव नसियार ने कहा कि एसीबी के पास न तो वारंट है और न ही जांच का आदेश। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ केजरीवाल के घर के बाहर बैठे हैं और उन्हें नहीं पता कि क्या करना है।
नसियार ने कहा, ‘‘हमने उन्हें (एसीबी अधिकारियों) केजरीवाल के आवास में प्रवेश करने और उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी है। जब हमने पूछा कि वे यहां क्यों आए हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्हें केजरीवाल से शिकायत लेने के लिए भेजा गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह पहले ही शिकायत दर्ज कराने के लिए एसीबी के कार्यालय पहुंच चुके हैं। वे (एसीबी अधिकारी) बस फोन पर किसी और से आदेश ले रहे हैं। यह भाजपा का एक राजनीतिक हथकंडा मात्र है।’’
सिंह ने आरोप लगाया कि 16 से ज्यादा आप उम्मीदवारों से संपर्क कर उन्हें पार्टी से अलग करने की कोशिश की गई है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हमने पहले ही एक ऐसे मामले का फोन नंबर जारी कर दिया है और अब हम शिकायत दर्ज कराने जा रहे हैं। जांच के दौरान सभी विवरण सामने आ जाएंगे। मैं भाजपा को चुनौती देता हूं कि कम से कम एक के खिलाफ कार्रवाई करके दिखाए।’’
भाषा से इनपुट