Hindi Newsएनसीआर न्यूज़anger in BJP over Burari assembly seat sharing with JDU in Delhi election, effect seen in nomination

दिल्ली के बुराड़ी में JDU संग सीट शेयरिंग पर BJP में असंतोष, नामांकन में दिखा असर

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा द्वारा बुराड़ी विधानसभा सीट एनडीए गठबंधन के घटक जेडीयू को देने से स्थानीय स्तर पर पार्टी में असंतोष पनप रहा है। यह असंतोष शुक्रवार को नामांकन दाखिल करते समय देखने को मिला।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हिन्दुस्तानSat, 18 Jan 2025 07:54 AM
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Delhi Assembly Election 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा द्वारा बुराड़ी विधानसभा सीट एनडीए गठबंधन के घटक जेडीयू को देने से स्थानीय स्तर पर पार्टी में असंतोष पनप रहा है। यह असंतोष शुक्रवार को नामांकन दाखिल करते समय देखने को मिला। दरअसल, जेडीयू ने अपने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार को बुराड़ी सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। जब वह शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल पहुंचे तो उनके साथ भाजपा के मात्र दो पार्षद और स्थानीय स्तर पर संगठन के कुछ पदाधिकारी मौजूद रहे।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन करने की प्रक्रिया शुक्रवार को खत्म हो गई। इस बार कुल 1490 लोगों ने अपने नामांकन दाखिल किए हैं। नामांकन पत्रों की जांच के बाद 20 जनवरी को उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 8 फरवरी को होगी।

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भाजपा इस बार दिल्ली की 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि दो सीटें एनडीए गठबंंधन की सहयोगी जेडीयू और एलजेपी (राम विलास) के लिए छोड़ी हैं। बुराड़ी सीट से जेडीयू के शैलेंद्र कुमार और देवली सीट एलजेपी के दीपक तंवर चुनाव मैदान में उतरे हैं।

बुराड़ी सीट पर जेडीयू उम्मीदवार शैलेंद्र कुमार का मुकाबला ‘आप’ के मौजूदा विधायक संजीव झा और कांग्रेस प्रत्याशी मंगेश त्यागी से हैं। वहीं देवली सीट पर LJP उम्मीदवार दीपक तंवर की 'आप' के प्रेम कुमार चौहान, कांग्रेस के राजेश चौहान से है।

गौरतलब है कि, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) चौथी बार दिल्ली की सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में 'आप' ने 70 में से 67 सीटें और 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बता दें कि, भाजपा दिल्ली में 1998 से सत्ता से बाहर है। भाजपा को वर्ष 2015 में महज 3 सीटें और 2020 में 8 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था।

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