इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसानों के हक में सुनाया फैसला, जमीन से बाड़ हटाने के निर्देश से यमुना प्राधिकरण को लगा झटका
नोएडा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के लिए कथित भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दायर एक रिट याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना प्राधिकरण (यीडा) को याचिकाकर्ता किसानों की जमीन से बाड़ हटाने का निर्देश दिया है।
नोएडा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के लिए कथित भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दायर एक रिट याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसानों के हक में फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) को याचिकाकर्ता किसानों की जमीन से बाड़ हटाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जब तक उक्त भूमि का या तो अधिग्रहण नहीं कर लिया जाता या फिर जमीन खरीद नहीं ली जाती, तब तक उस पर बाड़ नहीं लगाई जाए।
धर्मेन्द्र कुमार और आठ अन्य किसानों द्वारा दायर रिट याचिका को निस्तारण करते हुए जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस मनीष निगम की डिविजन बेंच ने 5 सितंबर को पारित आदेश में कहा कि प्राधिकरण द्वारा यदि इन याचिकाकर्ताओं की जमीन पर बाड़ लगाई गई है तो उसे हटाया जाए।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ना तो उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया है और ना ही उन्होंने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पक्ष में जमीन का बैनामा किया है, लेकिन फिर भी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी के लिए उनकी जमीन पर बाड़ लगा दी हैं।
इस रिट याचिका में कहा गया था कि जून 2024 में सेक्टर 21 में याचिकाकर्ताओं के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी की एक अति महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई, जिसके तहत यमुना प्राधिकरण ने एक प्रस्ताव किया कि 1,000 एकड़ में इस फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा।
इसके लिए प्राधिकरण ने 25 अगस्त को सार्वजनिक नोटिस जारी कर गांव के भू-स्वामियों को सेक्टर-21 की उनकी जमीन बेचने के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद, याचिकाकर्ताओं ने इस नोटिस के खिलाफ अपनी आपत्ति दाखिल करते हुए जमीन बेचने से इनकार कर दिया।
हालांकि, प्राधिकरण ने इन याचिकाकर्ताओं के गांव में एक साइन बोर्ड लगा दिया और बाड़ लगाना शुरू कर दिया, जिससे याचिकाकर्ताओं की जमीन, उनकी पहुंच से दूर हो गई और इसके खिलाफ उन्होंने यह रिट याचिका दायर कर दी।
याचिकाकर्ताओं ने गौतमबुद्धनगर जिले की जेवर तहसील के रबुपुरा गांव में स्थित अपनी जमीन से बाड़ हटवाने का अदालत से अनुरोध किया ताकि वे अपनी जमीन पर खेती कर सकें।