दिल्ली में छोटे दल बिगाड़ेंगे बड़ों-बड़ों का खेल? ओवैसी से NCP-BSP तक सब मैदान में कूदे
दिल्ली में इस बार छोटे दल बड़ों-बड़ों का खेल बिगाड़ने की तैयारी में हैं। बसपा, सपा और जदयू पहले भी यहां चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार ओवैसी की एआईएमआईएम, चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी और अजित पवार की एनसीपी ने ताल ठोककर प्रमुख दलों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
दिल्ली में इस बार छोटे दल बड़ों-बड़ों का खेल बिगाड़ने की तैयारी में हैं। बसपा, सपा और जदयू पहले भी यहां चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार ओवैसी की एआईएमआईएम, चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी और अजित पवार की एनसीपी ने ताल ठोककर प्रमुख दलों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
ओवैसी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर प्रत्याशी उतारे
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दिल्ली के सियासी दंगल में ताल ठोक दी है। ओवैसी सभी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर उम्मीदवार उतार रहे हैं। अब तक वह मुस्तफाबाद से दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन और ओखला से शफाउर रहमान खान को टिकट दे चुके हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एआईएमआईएम अगर चुनाव में उतरती है तो मुस्लिम समाज का एक बड़ा धड़ा उनके साथ जा सकता है। मुस्लिम बाहुल्य सीट मुस्तफाबाद, ओखला, सीलमपुर, बल्लीमरान, मटियामहल और बाबरपुर में नतीजे बदल सकते हैं।
बसपा ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया
दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी का वैसे तो बीते चुनाव में कोई जनाधार नहीं रहा था, लेकिन फिर भी बसपा ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ‘एक्स’ पर लिखा कि, दिल्ली का चुनाव उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी। बसपा का यह कदम उसके लिए कितना फायदेमंद और दूसरों के लिए कितना नुकसानदायक होगा, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएगा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की कमान भतीजे व राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर आकाश आनंद को सौंपी है।
आजाद समाज पार्टी ने घोषित किए उम्मीदवार
यूपी में पहली बार लोकसभा चुनाव में अपना खाता खोलने वाले चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी ने दिल्ली चुनाव में उतरने का फैसला किया है। छतरपुर विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने अपने उम्मीदवार को उतार दिया है। बसपा के साथ-साथ चंद्रशेखर अपनी सक्रियता बढ़ाते हैं तो दिल्ली की सियासत की तस्वीर बदल सकती है। दलित युवाओं में चंद्रशेखर को लेकर अलग क्रेज है। अगर उन्होंने दलित वोटबैंक में सेंध लगाई तो सत्ताधारी पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है।
एनसीपी की भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी
अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी दिल्ली चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। हालांकि यह कुछ सीमित सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बीते दिनों एक 11 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी, लेकिन फिलहाल उसे वापस ले लिया है। एनसीपी का फिलहाल दिल्ली में कोई जनाधार नहीं है। एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि हम आने वाले कुछ दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे।
सपा का कांग्रेस पर दबाव, ‘आप’ को दिया समर्थन
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश में सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली सपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ आ गई है। कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी को समर्थन देना चौंका जरूर रहा है, लेकिन इसके पीछे अपने निहितार्थ हैं। इसके जरिये सपा ने यूपी में सहयोगी कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया है। सपा संकेत दे रही है कि वह 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में बड़े भाई की हैसिसत से खुद चुनाव लड़ेगी। यही नहीं, सपा इसके जरिए कांग्रेस द्वारा गठबंधन के सहयोगियों के प्रति दिखाए जाने वाले नकारात्मक रुख के प्रति अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रही है।