Delhi-NCR Air Pollution : दिवाली के बाद धुंध की चादर में लिपटा दिखा दिल्ली-एनसीआर, कहां कितना है AQI
दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर और अधिक खराब हो गई। प्रदूषण के चलते दिल्ली धुंध की चादर में लिपटी हुई दिखाई दी। सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, 1 नवंबर को सुबह 6 बजे दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता 395 के साथ बहुत खराब श्रेणी में रही।
दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर और अधिक खराब हो गई। प्रदूषण के चलते दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम समेत एनसीआर के सभी इलाके धुंध की चादर में लिपटी हुए दिखाई दिए। प्रदूषण के चलते विजिबिलिटी भी कम हो गई। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, 1 नवंबर को सुबह 6 बजे दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता 395 के साथ "बहुत खराब" श्रेणी में रही, जबकि इंडिया गेट के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 317 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में रहा।
राजधानी में गुरुवार को दिवाली की रात पटाखों के इस्तेमाल के कारण कई स्थानों पर एक्यूआई ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई थी। बता दें कि, दिल्लीवासियों ने इस बार भी पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन किया और शहर की वायु गुणवत्ता रात 9 बजे 327 AQI के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही।
नई दिल्ली वायु गुणवत्ता के मामले में भारत के सबसे खराब शहरों में से एक है। आमतौर पर दिवाली के एक दिन बाद यह जहरीले धुएं में लिपटा रहता है। दिल्ली सरकार और कुछ अन्य राज्यों ने 2017 से पटाखों के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार लोगों से पर्यावरण के अनुकूल पटाखे और लाइट शो जैसे अधिक टिकाऊ विकल्प चुनने की अपील करती है, लेकिन अक्सर ही नियम का उल्लंघन किया जाता है। पटाखे सड़क किनारे की दुकानों और दुकानों से आसानी से खरीदे जा सकते हैं। नई दिल्ली के कुछ निवासियों ने कहा कि प्रतिबंध से बहुत फर्क नहीं पड़ता है, जबकि अन्य इसे प्रदूषण से लड़ने के लिए एक आवश्यक उपाय के रूप में देखते हैं।
हालांकि, दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 377 प्रवर्तन दल गठित किए थे और स्थानीय यूनियनों के माध्यम से जागरूकता फैलाई थी, लेकिन पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में प्रतिबंधों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन होने की सूचना मिली है।
आज दिल्ली में क्षेत्रवार औसत AQI
आनंद विहार: 395 (पीएम2.5 प्रदूषक)
अशोक विहार: 324 (पीएम10 प्रदूषक)
बुराड़ी क्रॉसिंग: 394 (पीएम2.5 प्रदूषक)
चाँदनी चौक: 336 (पीएम2.5 प्रदूषक)
द्वारका-सेक्टर 8: 375 (PM2.5 प्रदूषक)
IGI एयरपोर्ट (T3): 375 (PM2.5 प्रदूषक)
जहांगीरपुरी: 387 (PM2.5 प्रदूषक)
मुंडका: 370 (PM2.5 प्रदूषक)
आरके पुरम: 395 (PM2.5 प्रदूषक)
सीपीसीबी द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय एक्यूआई का प्रति घंटा अपडेट देने वाले समीर ऐप के अनुसार, गुरुवार रात 11 बजे तक हरियाणा के गुरुग्राम में एक्यूआई 322, जींद में 336 और चरखी दादरी में 306 दर्ज किया गया।
इस बीच, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे आस-पास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर रही और AQI की श्रेणी “खराब” रही, जबकि फरीदाबाद में गुरुवार रात को AQI 181 दर्ज की गई।
हालांकि, प्रतिकूल मौसम की स्थिति, वाहनों से निकलने वाले धुएं, स्थानीय प्रदूषकों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर में धुंध की स्थिति और भी खराब हो गई, जो हर साल की तरह सर्दियों के मौसम में और भी खराब हो जाती है।
बता दें कि, दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान राक्षस राज रावण का वध कर अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे थे। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के उत्सव के रूप में देखा जाता है।
दिल्लीवालों ने इस बार भी पटाखों पर प्रतिबंध को धता बताते हुए जमकर दिवाली मनाई, जिससे आसमान जगमगा उठा। लाजपत नगर, कालकाजी, छतरपुर, जौनपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश, साकेत, रोहिणी, द्वारका, पंजाबी बाग, विकास पुरी, दिलशाद गार्डन, बुराड़ी और पूर्वी तथा पश्चिमी दिल्ली के कई अन्य इलाकों में पटाखे फोड़े गए। 24 घंटे का AQI शाम 4 बजे 328 दर्ज किया गया, जिसके साथ शहर में पिछले तीन सालों में दिवाली पर सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
मौसम विभाग द्वारा तय पैमाने के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
(एएनआई के इनपुट के साथ)