Hindi Newsदेश न्यूज़Why Ruckus in Mahua Moitra speech and poem in Lok Sabha 75 years of Constitution Debate

महुआ मोइत्रा की 'मुबारक घड़ी है' कविता पर झूमे विपक्षी MP, पर सत्ता पक्ष को कौन सी बात चुभी

TMC सांसद के भाषण के बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जब यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया तो पीठासीन सभापति कुमारी सैलजा ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 13 Dec 2024 09:46 PM
share Share
Follow Us on

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की कुछ टिप्पणियों पर शुक्रवार को लोकसभा में सत्तापक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। मोइत्रा ने सदन में ‘संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दस वर्ष में राजनीतिक ओहदेदारों ने लोकतंत्र को क्रमिक तरीके से नुकसान पहुंचाया है।’’

इसी क्रम में उन्होंने सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आज के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 1976 के दशक में कांग्रेस के शासनकाल में जस्टिस एच आर खन्ना से जुड़े घटनाक्रम का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी को याद दिलाना चाहती हूं कि जस्टिस खन्ना 1976 के बाद भी 32 साल तक रहे जिसमें अधिकतर समय कांग्रेस की सरकार थी और उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी।’’ इसके बाद मोइत्रा ने एक अन्य दिवंगत न्यायाधीश का नाम लेते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘जस्टिस लोया तो अपने समय से बहुत पहले इस दुनिया से विदा हो गए।’’

तृणमूल कांग्रेस सांसद के भाषण के बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाते हुए आपत्ति जताई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जब यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया तो पीठासीन सभापति कुमारी सैलजा ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। बाद में आसन पर अध्यक्ष ओम बिरला आसीन हुए और उनके अनुमति देने के बाद दुबे ने कहा कि जस्टिस बी एच लोया की मौत का जिक्र तृणमूल कांग्रेस सांसद ने किया है, उनकी असामयिक मौत की पुष्टि अन्य न्यायाधीशों ने भी की थी। भाजपा सांसद ने मोइत्रा के इस बयान और एफसीआरए को लेकर की गई टिप्पणी को प्रमाणित करने को कहा।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘‘सदस्य ने जस्टिस लोया के बारे में जो कहा वह बहुत गंभीर विषय है। न्यायपालिका में सारा मामला खत्म हो चुका है। यह एक ‘सेटल्ड केस (सुलझ चुका मामला)’ है। न्यायाधीशों के बीच दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। इसमें किसी का कोई हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठता।’’ उन्होंने कहा कि सदस्य ने जिस तरह का बयान दिया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

रिजिजू ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, ‘‘अध्यक्ष ने मामले को संज्ञान में लिया है। मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि इस पर कार्रवाई होगी। हम लोग की तरफ से उचित संसदीय कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की टिप्पणी पर आप बच नहीं सकते। यह गलत परंपरा है।’’ इस पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘‘इस पर हम रिकॉर्ड मंगाकर देख लेंगे।’’ मंत्री के बयान पर तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे। सत्तापक्ष के सदस्य भी तृणमूल सांसद के बयान पर आपत्ति जता रहे थे।

ये भी पढ़ें:प्रियंका गांधी के लोकसभा संबोधन से खुश हुए राहुल, बोले-मेरे पहले भाषण से बेहतर
ये भी पढ़ें:दादी इंदिरा की इमरजेंसी वाली गलती पर संसद में बोलीं प्रियंका, जाति पर भी की बात
ये भी पढ़ें:सूर्योदय होते राष्ट्रपति शासन लग गया, आधी रात इमरजेंसी; ललन सिंह ने सुनाया वाकया
ये भी पढ़ें:अखिलेश यादव ने तब मुंह में टेप लगा ली थी, ललन सिंह ने जातिगणना पर किया बड़ा दावा

दोनों पक्षों के हंगामे के कारण अध्यक्ष ने शाम करीब 5.23 बजे कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। दोबारा बैठक फिर शुरू होने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने भाजपा सदस्य जगदंबिका पाल को चर्चा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। पाल अपनी बात शुरू कर पाते, इसी बीच विपक्षी सदस्यों द्वारा हंगामा शुरू कर दिया गया। सैकिया ने हंगामा कर रहे सदस्यों को समझाने का प्रयास किया। किंतु उनकी अपील का असर न होते देख उन्होंने सदन की बैठक शाम छह बजकर पंद्रह मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।

अपने भाषण के दौरान महुआ मोइत्रा ने एक कविता भी पढ़ी, जिसका विपक्षी सांसदों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया और वाह-वाह करने लगे लेकिन सत्ता पक्ष को ये अच्छा नहीं लगा। मोइत्रा ने कविता पढ़ते हुए कहा,

मुबारक घड़ी है,

कल सज-धजकर,

मेकअप रचकर,

खूब जंचकर,

देखूं उसका मंच पर आना,

किताब संविधान की आंखों से लगाना और फरमाना।

मैं शीष को झुकाकर और इस किताब को मन में बसाकर,

ईश्वर की शपथ लेता हूं..

रात ढलने दीजिए, दिल बदलने दीजिए,

कल तलक तक ये बेवफा, सितमगरों का बादशाह,

सब भूल जाएगा।

नफरतें उगाएगा, दूरियां बढ़ाएगा,

रोज संविधान की धज्जियां उड़ाएगा, मगर

जो आज महफिल सजी है,

यही मानती है कि हीरो वही है, मुबारक घड़ी है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें