मराठी आंदोलन तुरंत बंद करो, राज ठाकरे ने मनसे सैनिकों को क्यों लिखा पत्र; बीजेपी भी है वजह
- एमएनएस चीफ राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से मराठी के लिए आंदोलन चलाने को कहा था। हालांकि एक सप्ताह के भीतर ही उन्होंने आंदोलन रोकने की अपील कर दी।

गुड़ी पड़वा के मौके पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से मराठी आंदोलन चलाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि मराठी भाषा का सम्मान बहुत जरूरी है और अगर कोई भी मराठी का अपमान करता है तो उसको मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि कार्यकर्ता देखें कि बैंकों में मराठी में काम हो रहा है या नहीं। उन्होंने यहां तक कहा था कि राज्य में अगर कोई मराठी नहीं बोलता है तो उसे थप्पड़ मारने में भी गुरेज ना करें। वहीं एक सप्ताह के अंदर ही उन्होंने इस मराठी आंदोलन को बंद करने की भी अपील कर दी है।
राज ठाकरे ने अपने सैनिकों को पत्र लिखा और कहा कि आपने मराठी भाषा के लिए जो आवाज बुलंद की है उसके लिए बधाई। गुड़ी पड़वा के कार्यक्रम के दौरान मैंने कहा था कि महारा्ष्ट्र के बैंकों में देखा जाए कि मराठी में काम हो रहा है या नहीं। आप दूसरे दिन महाराष्ट्र के बैंकों में पहुंचे भी और मराठी में काम करने का आग्रह किया। यह अच्छा फैसला था। इससे लोगों में संदेश गया कि मराठी लोगों का अपना स्वाभिमान है। आपने एमएनएस की ताकत का परिचय दिया। उन्होंने कहा, अब इस आंदोलन को रोक देना चाहिए। आपने काफी जागरूकता फैलाई है। अब लोगों को पता चल गया है कि अगर मराठी भाषा का सम्मान नहीं किया गया तो क्या हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, सबसे बड़ी जिम्मेदारी सरकार की है। रिजर्व बैंक के नियमों का पालन करवाना सरकार का काम है। वहीं बीजेपी के एक नेता ने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि उनका उत्तर भारतीयों को वोटर बेस खराब हो। खास तौर पर बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। पार्टी का मानना है कि अगर छोटी-मोटी घटनाएं भी होती हैं और उत्तर भारतीयों को निशाना बनाया जाता है तो पार्टी के लिए यह नुकसानदेह हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सामान्य सी बात है कि जो जहां रहता है वहां की संस्कृति को अपना लेता है। उन्होंने कहा कि 10 दिन के गणेश उत्सव में भी उत्तर भारतीय बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वहीं राज ठाकरे के भाषण के बाद पूरे प्रदेश में कई जगहों पर गैर मराठी भाषियों को निशाना बनाया गया। इसके बाद शनिवार को एमएनएस चीफ ने कहा था कि कार्यकर्ता कानून को अपने हाथों में ना लें। वहीं बैंक यूनियन ने देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर चिंता जताई थी। यूनियन ने कहा था कि बैंक कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है ऐसे में वे अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं सीएमओ के सूत्रों के मुताबिक उद्दोगों की तरफ से भी इस व्यवहार को लेकर चिंता जताई गई थी। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस को भी लगने लगा था कि अगर यह आंदोलन चलता रहा तो महाराष्ट्र का माहौल ही खराब हो जाएगा। वहीं वैश्विक निवेश पर भी फर्क पड़ेगा।