मराठा चेहरा, कोंकण में पलटी बाजी; बीजेपी ने क्यों जताया रवींद्र चव्हाण पर भरोसा
- बीजेपी ने महाराष्ट्र इकाई के लिए चार बार के विधायक और पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण पर भरोसा जताया है। उन्हें महाराष्ट्र का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री और चार बार के विधायक रवींद्र चव्हाण को महाराष्ट्र बीजेपी की कमान थमा दी गई है। उन्हें महाराष्ट्र इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस और आरएसएस ने उनके लिए पूरा जोर लगा दिया। बीजेपी ने विज्ञप्ति जारी कर उनकी नियुक्ति की घोषणा की है।
पहले कहा जा रहा था कि बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के खत्म होने के बाद की जाएगी और मंत्रियों के विभागों के बंटवारे के बाद आखिरकार आज (11 जनवरी) इसकी घोषणा कर दी गई। महाराष्ट्र में पार्टी संगठन के चुनाव से पहले ही यह ऐलान कर दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब वही चंद्रशेखऱ बावनकुले की जगह लेंगे।
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चंद्रशेखर बावनकुले को टिकट नहीं दिया था। जिसकी मार उन्हें विदर्भ में पड़ी। साथ ही राज्य में सत्ता समीकरण बदलने के बाद विदर्भ के मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चंद्रशेखर बावनकुले को प्रदेश अध्यक्ष का पद दिया गया। आख़िरकार उनके नेतृत्व में बीजेपी को 2024 के विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता हासिल हुईष इसलिए बावनकुले को कैबिनेट में जगह दी गई। इसलिए उनकी जगह किसे नियुक्त किया जाए इस पर चर्चा शुरू होते ही रवींद्र चव्हाण का नाम सामने आया। जिस पर अब पार्टी ने मुहर लगा दी है।
संगठन में अब तक रवींद्र चव्हाण का प्रदर्शन दमदार रहा है। इसके अलावा वह मराठा फेस हैं। वह कोंकण क्षेत्र आते हैं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व ने रवींद्र चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। जब रवींद्र चव्हाण को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया तो पत्रकारों ने उनसे प्रतिक्रिया मांगी थी। इस पर चव्हाण ने कहा, 'बीजेपी ही हमारी असली पहचान है और मंत्री पद से ज्यादा महत्वपूर्ण पार्टी की संगठनात्मक ताकत बढ़ाना हैय़ इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं कैबिनेट में शामिल हूं या नहीं। मैं बीजेपी के लिए पूरी निष्ठा से काम करता रहूंगा।'
क्या है समीकरण
रवींद्र चव्हाण डोंबिवली से लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। डोंबिवली में उन्होंने बीजेपी के लिए काफी काम किया है। साल 2017 में शिवसेना सरकार में थी। उस समय कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका के चुनाव में शिवसेना और बीजेपी आमने सामने थे। बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा और शिवसेना को हराकर डोंबिवली में अपना मेयर बनाया। रवींद्र चव्हाण ने ही इस चुनाव की अगुआई की थी।
कोंकण में दबदबा
लोकसभा चुनाव के दौरान माना जाता था कि कोंकण क्षेत्र में शिवसेना यूबीटी का दबदबा है। इस दौरान चव्हाण को इस सीट की जम्मेदारी दी गई। शिवसेना शिंदे गुट भी इस सीट से चुनाव लड़ना चाहता था। हालांकि रवींद्र चव्हाण अपनी सीट पर डटे रहे। लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग सीट पर नारायण राणे को जिताने में रवींद्र चव्हाण कामयाब रहे। इसका श्रेय चव्हाण को ही दिया गया। रवींद्र चव्हाण को चुनावों के मामले में काफी सफल माना जाता है। आने वाले दिनों में स्थानीय निकाय के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में रवींद्र चव्हाण बीजेपी के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।