Hindi Newsदेश न्यूज़why america nsa mike waltz is hope for india and tension for china pak

चीन-पाक का गठजोड़ नापाक; कैसे भारत की उम्मीद बढ़ा रहे अमेरिका के नए NSA माइक वाल्ट्ज

  • माइक वाल्ट्ज कहते रहे हैं कि अमेरिका को भारत के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए क्योंकि दोनों लोकतांत्रिक देश हैं। इसके अलावा चीन के साथ मुकाबले के लिए भारत अच्छा सहयोगी होगा। यही नहीं मार्च 2023 में उन्होंने एक स्पीच में कहा था कि भारत और अमेरिका की दोस्ती 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण जोड़ी है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 13 Nov 2024 09:20 AM
share Share

डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुने गए माइक वाल्ट्ज को लेकर कहा जा रहा है कि वह भारत के लिए बेहतर होंगे। इसके अलावा चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की चिंता थोड़ी बढ़ती दिख रही है। इसके कुछ कारण और माइक वाल्ट्ज के पुराने कुछ बयान भी हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका के लिए भारत से रिश्ते रखना जरूरी है। इसके अलावा उन्होंने चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ को भारत और अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया था। डेमोक्रेट नेता रो खन्ना ने भी उन्हें चुने जाने के बाद मंगलवार को कहा कि वह भारत और अमेरिका संबंधों के लिए अच्छे रहेंगे।

माइक वाल्ट्ज कहते रहे हैं कि अमेरिका को भारत के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए क्योंकि दोनों लोकतांत्रिक देश हैं। इसके अलावा चीन के साथ मुकाबले के लिए भारत अच्छा सहयोगी होगा। यही नहीं मार्च 2023 में उन्होंने एक स्पीच में कहा था कि भारत और अमेरिका की दोस्ती 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण जोड़ी है। हमारे कूटनीतिक, आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक रिश्ते अहम हैं। यही नहीं रिपब्लिकन पार्टी के इंडिया कॉकस के को-चेयर रहे माइक वाल्ट्ज ने सुझाव दिया था कि पीएम नरेंद्र मोदी को बुलाना चाहिए और उन्हें अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का मौका दिया जाए।

कोरोना काल में जब तमाम देशों के बीच दवा और अन्य मेडिकल सुविधाओं के लिए संघर्ष की स्थिति थी। उस दौर में माइक वाल्ट्ज ने भारत को तेजी से मेडिकल सप्लाई करने के आदेश को मंजूरी दी थी। वह लगातार दोहराते रहे हैं कि यदि दुनिया में कहीं से अमेरिका को शुरुआत करनी है तो वह भारत है। पूरी दुनिया के लिए ही यह गठजोड़ अच्छा रहेगा। वह चीन को नियंत्रित करने के लिए भारत और अमेरिका के आर्थिक सहयोग के भी हिमायती रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि यदि सप्लाई चेन में स्थिरता चाहिए तो भारत को साथ लेना होगा।

वह कहते हैं कि भारत की बड़ी वर्कफोर्स अमेरिका के लिए सप्लाई चेन को मजबूत बनाए रखने का माध्यम हो सकती है, जिसकी निर्भरता चीन पर अधिक रही है। अमेरिका की सुरक्षा के लिए भी वह भारत को अहम मानते हैं। वाल्ट्ज का कहना है कि जैसे 20वीं सदी में अमेरिका के अच्छे रिश्ते जापान, साउथ कोरिया एवं नाटो देशों से रहे हैं। उसी तरह 21वीं सेंचुरी में भारत के साथ यदि बेहतर संबंध होंगे तो अमेरिका की सिक्योरिटी के लिए भी अच्छा होगा। इस तरह समझा जा सकता है कि कैसे माइक वाल्ट्ज की NSA के तौर पर अमेरिकी सरकार में एंट्री भारत के लिए उत्साह भरी खबर है, जबकि चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ सकती है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें