Hindi Newsदेश न्यूज़Who was terrorist Sajjad Afghani whose coffin the Kandahar hijack terrorists were demanding

कौन था सज्जाद अफगानी, जिसका ताबूत मांग रहे थे कंधार हाइजैक के आतंकी; क्यों वापस ली मांग?

  • आतंकियों ने 'शहीद' बताते हुए सज्जाद अफगानी का ताबूत भी मांगा था। ताबूत की मांग ने तालिबान के कट्टरपंथियों को परेशान कर दिया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 5 Sep 2024 04:06 PM
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साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 का अपहरण भारतीय इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक है। इस अपहरण के पीछे एक गहरा उद्देश्य था- आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कुछ खतरनाक आतंकवादियों को छुड़ाना। इनमें सबसे चर्चित नाम था- मौलाना मसूद अजहर। लेकिन इसके अलावा, भी अपहरणकर्ताओं ने भारतीय वार्ताकारों को अपनी मांगें भेजी थीं। उनकी शुरुआती मांगों में 36 आतंकवादियों को रिहा करना और 200 मिलियन डॉलर (860 करोड़ रुपये) देना शामिल था।

इसके अलावा, आतंकियों ने 'शहीद' बताते हुए सज्जाद अफगानी का ताबूत भी मांगा था। ताबूत की मांग ने तालिबान के कट्टरपंथियों को परेशान कर दिया। उन्होंने अपहरणकर्ताओं पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि वे अपनी मांगें वापस ले लें। तालिबान की सर्वोच्च परिषद शूरा ने इसमें हस्तक्षेप किया और एक बैठक की। अंत में यह निष्कर्ष निकला कि अपहरणकर्ताओं की पैसे की मांग गैर-इस्लामिक थी और इसे छोड़ दिया जाना चाहिए। तालिबान नेताओं ने कहा कि अगर अपहरणकर्ता उनकी मांग मानने से इनकार करते हैं, तो उन्हें कंधार में नहीं रुकने दिया जाएगा। इसके बाद उन्होंने अपनी लगभग सभी मांगों को वापस ले लिया जिसके बाद भारत ने अंततः आईसी 814 के सभी यात्रियों के बदले तीन आतंकवादियों को सौंप दिया। यह 1999 की बात है और उस समय भी अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन था। दरअसल तालिबान दिखाना चाहता था कि वह इस हाइजैकिंग में किसी तरह से शामिल नहीं है और वह केवल दोनों पक्षों के बीच बातचीत करा रहा है। ऐसा माना जाता है कि तालिबान खुद इस साजिश का हिस्सा था।

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कौन था सज्जाद अफगानी, जिसका ताबूत मांग रहे थे आतंकी?

सज्जाद अफगानी 1990 के दशक का एक कुख्यात कश्मीरी आतंकवादी था। वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से था। वह "अफगानी" नाम से जाना जाता था क्योंकि उसने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ चल रहे युद्ध में हिस्सा लिया था और वहीं से आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हुआ था। वह भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई आतंकी अभियानों में शामिल रहा।

1991 में, सज्जाद अफगानी श्रीनगर में आतंकवादी संगठन हरकत-उल-अंसार का कमांडर इन चीफ बना। जून 1994 में, उसे भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा आतंकवादी संगठन हरकत-उल-अंसार के तत्कालीन महासचिव आतंकवादी मसूद अजहर के साथ गिरफ्तार किया गया था। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ (बीजीएस) लेफ्टिनेंट जनरल अर्जुन रे ने अफगानी को "सबसे बड़ी पकड़" बताया था। सज्जाद ने रूसियों से भी लड़ाई लड़ी थी।

हरकत-उल-मुजाहिदीन ने एक अन्य आतंकी संगठन हरकत-उल-जेहाद-अल-इस्लामी (हूजी) के साथ मिलकर 1993 में हरकत-उल-अंसार (हूए) का गठन किया। यह जम्मू-कश्मीर में और अधिक खूब खराबा करने की पाकिस्तान की नापाक योजना थी। भारतीय सुरक्षा बलों ने उसके तीन नेताओं को गिरफ्तार करके उसकी योजना को विफल कर दिया।

ऐसे हुई थी गिरफ्तारी

सबसे पहले, नवंबर 1993 में हरकत-उल-मुजाहिदीन के पूर्व प्रमुख नसरुल्लाह मंसूर लंगरयाल को गिरफ्तार किया गया था। मार्च 1994 में, हरकत-उल-अंसार के अजहर और इसकी जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख सज्जाद अफगानी को श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था। सज्जाद अफगानी हरकत-उल-अंसार का मुख्य कमांडर था और उसे जम्मू में उच्च सुरक्षा वाली जेल, कोटबलवाल जेल में रखा गया था। 15 जुलाई, 1999 को जेल से भागने के प्रयास के दौरान उसे गोली मार दी गई थी।

सज्जाद अफगानी ने अपनी जेल की कोठरी के अंदर 23 फुट लंबी सुरंग खोदी थी। अगर वह थोड़ा और खोदता तो वह और दूसरे आतंकवादी भागने में सफल हो सकते थे। लेकिन गार्डों ने उसे पकड़ लिया और अफगानी समेत 11 कैदी मारे गए। यह जुलाई 1999 की बात है। पांच महीने बाद, दिसंबर 1999 में, पांच आतंकवादियों ने आईसी 814 को हाईजैक कर लिया, जिसे काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी।

अब क्यों हो रहा विवाद?

साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान अपहरण की घटना पर आधारित ओटीटी सीरीज ‘आईसी 814: द कंधार हाईजैक’ में अपहरणकर्ताओं के नाम को लेकर विवाद जारी है। विवादों में आई इस वेब सीरीज को लेकर कई लोगों ने दावा किया कि फिल्मकार ने खास समुदाय से आने वाले आतंकवादियों को कथित रूप से बचाने के लिए अपहरणकर्ताओं के नाम बदलकर ‘शंकर’, और ‘भोला’ रखे। अपहरणकर्ताओं के वास्तविक नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर थे। हालांकि सीरीज में आतंकवादियों के कोड नाम ‘भोला’, ‘शंकर’, ‘डॉक्टर’ और ‘चीफ’ का इस्तेमाल किया गया है। दबाव में नेटफ्लिक्स इंडिया ने मंगलवार को कहा कि उसने अपहरणकर्ताओं के वास्तविक और कोड नाम को शामिल किया है।

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