Hindi Newsदेश न्यूज़Who is Justice Sanjiv Khanna new Chief Justice of India replace DY Chandrachud oath

कौन हैं नए CJI बनने जा रहे जस्टिस संजीव खन्ना, आज 10 बजे लेंगे शपथ

  • जस्टिस संजीव खन्ना आज राष्ट्रपति भवन में अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। वह भारत के 11वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और छह महीने तक इस पद पर रहेंगे।

Deepak लाइव हिन्दुस्तानMon, 11 Nov 2024 09:35 AM
share Share

Justice Sanjiv Khanna: जस्टिस संजीव खन्ना आज राष्ट्रपति भवन में अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। वह भारत के 11वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और छह महीने तक इस पद पर रहेंगे। सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में शपथग्रहण का कार्यक्रम संपन्न होगा। जस्टिस संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज हैं। वह फिलहाल राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं। साथ ही भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं। पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उनका नाम आगे बढ़ाया है। डीवाई चंद्रचूड़ रविवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो चुके हैं।

जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म चार मई 1960 को हुआ था। उन्होंने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के तौर पर की थी। उन्हें संवैधानिक कानून, टैक्सेशन, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून और पर्यावरण कानून में व्यापक अनुभव है। जस्टिस खन्ना ने आयकर विभाग के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी कार्य किया। 2004 में, उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया था।

जस्टिस खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वह साल 2006 में स्थायी न्यायाधीश बने, जो उनके महत्वपूर्ण न्यायिक करियर की शुरुआत थी। अपने कार्यकाल के दौरान, जस्टिस खन्ना ने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, न्यायिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

जस्टिस खन्ना ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने सहित कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं। इस फैसले के बाद ही केजरीवाल लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने में सक्षम हो पाए। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, न्यायमूर्ति खन्ना ने जोर देकर कहा कि कार्यवाही में देरी पीएमएलए के तहत जमानत देने के लिए एक वैध आधार के रूप में काम कर सकती है। यह फैसला दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से जुड़े एक मामले में आया है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें