कौन हैं 25 साल के युवा आचार्य गणेश शर्मा, जो बने कांची मठ के जूनियर शंकराचार्य
अक्षय तृतीया पर कांची मठ परिसर में आयोजित भव्य समारोह में देशभर से आए वेदाचार्य, संन्यासी, धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में युवा आचार्य गणेश शर्मा का जूनियर शंकराचार्य के रुप में अभिषेक हुआ।

अक्षय तृतीया के पावन दिन पर कांची कामकोटि पीठ को उसका नया आध्यात्मिक उत्तराधिकारी मिल गया है। 25 वर्षीय आचार्य गणेश शर्मा मठ के जूनियर शंकराचार्य बन गए हैं। उन्हें अब ‘सत्य चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य’ के नाम से जाना जाएगा। आज शुभ मुहूर्त पर कांची मठ में उनका अभिषेक किया गया।
कौन हैं गणेश शर्मा?
इनका मूल नाम डुड्डू सत्य वेंकट सूर्य सुब्रमण्यम गणेश शर्मा द्रविड़ है। 25 वर्षीय युवा आचार्य गणेश शर्मा आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। इनकी शिक्षा की बात करें तो वह ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अन्य धर्मग्रंथों में पारंगत हैं। शंकराचार्य का अहम पद संभालने से पहले गणेश शर्मा तेलंगाना और आंध्र के कई मंदिरों में पूजा और वेदपाठ कर चुके हैं।
उनके अनुयायियों का मानना है कि युवा आयु में गहरी वैदिक विद्वता और तपस्वी जीवनशैली उनकी विशेषता है।
इस विशेष संन्यास दीक्षा महोत्सव का आयोजन अक्षय तृतीया जैसे पावन दिन पर हुआ, जिसे सनातन परंपरा में अत्यंत शुभ माना जाता है। कांची मठ परिसर में आयोजित भव्य समारोह में देशभर से आए वेदाचार्य, संन्यासी, धार्मिक नेता और श्रद्धालु उपस्थित रहे। वर्तमान शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती ने स्वयं उन्हें संन्यास की विधिवत दीक्षा देकर उत्तराधिकारी घोषित किया और "सत्य चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य" नाम प्रदान किया।
गौरतलब है कि कांची कामकोटि पीठ की स्थापना आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी और यह मठ शंकराचार्य परंपरा की पांच पीठों में से एक है। यह मठ अद्वैत वेदांत और वैदिक शिक्षा का केंद्र रहा है और इसके शंकराचार्य सदैव धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना के संवाहक रहे हैं।