भारत-चीन सीमा पर कब खत्म होगा तनाव, विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया जवाब
- Jaishankar: विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करना हमारा अगला कदम होगा। हालांकि यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक की भारत इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हो जाता कि चीन भी यही चाहता है।
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे डिसएंगेजमेंट और तनाव करने के प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्षों को अपनी सेनाओं को पीछे हटाने में कुछ समय लगेगा। लद्दाख में देपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शत्रुता समाप्त करने की दिशा में पहला कदम है। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करना हमारा अगला कदम होगा। हालांकि यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक की भारत इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हो जाता कि चीन भी यही चाहता है।
मुंबई में मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने बताया कि लद्दाख में देपसांग और डेमचोक में आपसी सहमति से गश्त करने और पुरानी स्थिति में वापस लौटने को लेकर सहमति बन चुकी है। हमें उम्मीद है कि जल्दी ही 2020 वाली स्थिति कायम हो जाएगी।
महाराष्ट्र में अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्री ने चीन की बात करते हुए कहा कि सीमा पर सभी देश शांति चाहते हैं, दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है। अब हमारा अगला कदम तनाव को कम करना होगा, लेकिन यह तभी संभव होगा जब हमें यकीन हो जाएगा कि दूसरी तरफ से भी यही हो रहा है। दोनों देशों के बीच में जब तनाव कम हो जाएगा तब हम इस मुद्दें पर चर्चा करेंगे कि सीमा का प्रबंधन कैसे किया जाएगा।
भारत और चीन के बीच के संबंध 15 जून 2020 को गलवान घाटी मे हुई झड़प के बाद खराब हो गए थे। इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन के भी सैनिक मारे गए थे, जिसके बाद दोनों सेनाएं कई क्षेत्रों में आमने-सामने आ गई थीं। पिछले चार साल में इस गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों पक्षों के बीच में कई दौर की चर्चा हुई लेकिन आम सहमति नहीं बनीं।
कई दौर की मीटिंग और लंबी चर्चा क के बाद दोनों देशों ने एलएसी पर दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों डेपसांग और डेमचोक में अपने गतिरोध को खत्म करके आम सहमति बना ली थी, जिसके बाद घोषणा की गई और 23 अक्टूबर के बाद सीमा पर दोनों ही तरफ से सेनाओं ने पीछे हटना शुरू कर दिया।
पिछले हफ्ते, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। 2019 के बाद पहली द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखना दोनों देशों की प्राथमिकता होनी चाहिए।