Budget 2025: क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा? देखें पूरी लिस्ट
- Budget 2025: कुल मिलाकर बजट में कुछ वस्तुओं पर करों में छूट दी गई है जिससे वे सस्ती होंगी, जबकि कुछ वस्तुओं पर कर बढ़ने से उनकी कीमतों में वृद्धि होगी।
What Is Cheaper Now in Budget 2025 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। बजट में भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), निवेश और निर्यात पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट 'विकसित भारत' की दिशा में देश की आकांक्षाओं को गति देने के लिए समर्पित है।
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2025 के बजट में कस्टम ड्यूटी और छूट में अहम बदलावों की घोषणा की है। इन बदलावों से जीवन रक्षक दवाओं, महत्वपूर्ण खनिजों और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) निर्माण के घटकों की कीमतों में गिरावट होगी, जबकि फ्लैट पैनल डिस्प्ले समेत कुछ उत्पाद महंगे हो जाएंगे। कुल मिलाकर बजट में कुछ वस्तुओं पर करों में छूट दी गई है जिससे वे सस्ती होंगी, जबकि कुछ वस्तुओं पर कर बढ़ने से उनकी कीमतों में वृद्धि होगी। विशेष रूप से, जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाने का प्रस्ताव दिया गया है। आइए जानते हैं कि इस बजट में क्या हुआ सस्ता और क्या हुआ महंगा।
क्या हुआ सस्ता?
जीवन रक्षक दवाएं:
कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की 36 जीवन रक्षक दवाओं पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) से पूरी तरह छूट दी गई है। 37 अतिरिक्त दवाओं पर भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट।
महत्वपूर्ण खनिज:
कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी कचरा, सीसा और जिंक समेत 12 और महत्वपूर्ण खनिजों को BCD से छूट दी गई है। प्लैटिनम फाइंडिंग्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 25% से घटाकर 6.4% की गई।
EV और मोबाइल बैटरी निर्माण:
EV बैटरी उत्पादन के लिए 35 नए उत्पाद और मोबाइल फोन बैटरी निर्माण के लिए 28 अतिरिक्त उत्पादों को BCD छूट सूची में जोड़ा गया है।
शिपबिल्डिंग:
जहाजों और उनके पार्ट्स पर BCD छूट को अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।
ईथरनेट स्विच:
कैरियर ग्रेड ईथरनेट स्विच पर कस्टम ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% किया गया है। यह अब नॉन-कैरियर ग्रेड स्विच के बराबर हो गया है।
रासायनिक यौगिक:
पाइरीमिडिन और पाइपराजीन युक्त रासायनिक यौगिकों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 10% से घटाकर 7.5% की गई।
ओपन-सेल डिस्प्ले:
कस्टम ड्यूटी घटाकर 5% कर दी गई है।
मछली और सी फूड:
फिश पेस्ट पर कस्टम ड्यूटी 30% से घटाकर 5% कर दी गई है।
फ्रोजन फिश पर अब 5% कस्टम ड्यूटी लगेगी, जो पहले 30% थी।
फिश हाइड्रोलाइसेट्स पर ड्यूटी 15% से घटाकर 5% कर दी गई है।
सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस
फूड व बेवरेज इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 100% से घटाकर 20% की गई।
लेदर:
वेट ब्लू लेदर अब पूरी तरह कस्टम ड्यूटी से मुक्त होगा।
ये उत्पाद भी होंगे सस्ते
- वायर्ड हेडसेट, माइक्रोफोन, रिसीवर, यूएसबी केबल आदि के निर्माण में इस्तेमाल कच्चे माल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट।
- 1600 सीसी से कम क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 50% से घटाकर 40% की गई।
- 1600 सीसी से अधिक इंजन वाली बाइकों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 50% से घटाकर 30% की गई।
- क्रस्ट लेदर (हाइड्स एंड स्किन्स) पर निर्यात शुल्क 20% से घटाकर शून्य कर दिया गया।
- 40,000 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा कीमत वाली आयातित कारें या 3,000 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाली आयातित मोटरसाइकिलें।
- सेमी-नॉक्ड डाउन (एसकेडी) या काफी हद तक निर्मित रूप में आयातित 1600 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें।
- इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के पुर्जे।
महंगे होंगे ये उत्पाद
- TVs और मोबाइल फोनों में इस्तेमाल होने वाले फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर BCD 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। यानी इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% की गई।
- 82 टैरिफ लाइनों पर लगने वाले उपकर की छूट हटा दी गई है।
- विशेष टैरिफ के तहत आने वाले निटेड फैब्रिक्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 10%/20% से बढ़ाकर 20% या 115 रुपये प्रति किलोग्राम (जो भी अधिक हो) कर दी गई।
- स्मार्ट मीटर।
- सोलर सेल।
- आयातित जूते।
- आयातित मोमबत्तियां।
- आयातित नौकाएं और अन्य जहाज।
- पीवीसी फ्लेक्स फिल्में, पीवीसी फ्लेक्स शीट, पीवीसी फ्लेक्स बैनर।
- कुछ आयातित बुने हुए कपड़े।
बजट की प्रमुख बातें
इस बजट में सरकार ने निवेश बढ़ाने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। जीवन रक्षक दवाओं को सस्ता करने से स्वास्थ्य क्षेत्र को राहत मिलेगी, जबकि डिजिटल शिक्षा और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले महंगे होने से डिजिटल शिक्षा प्रभावित हो सकती है। सरकार ने बुनियादी ढांचे, रक्षा और स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए कई योजनाएं पेश की हैं। निर्यात को बढ़ावा देने और स्थानीय विनिर्माण को मजबूत करने के लिए कई क्षेत्रों में कर छूट दी गई है।