Hindi Newsदेश न्यूज़West Bengal STF said Arrested militant was surveying riverine route for smuggling arms into India

पाकिस्तान में ट्रेनिंग, बांग्लादेश में प्लानिंग; नदियों के रास्ते भारत को दहलाने की साजिश रच रहा था जावेद

  • मुंशी का आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में पुराना इतिहास रहा है। 2011 में अहल-ए-हदीस के नेता शौकत शाह की हत्या में उसकी कथित भूमिका बताई जाती है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, कोलकाताThu, 26 Dec 2024 08:00 PM
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पश्चिम बंगाल के कैनिंग क्षेत्र से आतंकवादी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन (TuM) के संदिग्ध ऑपरेटिव जावेद अहमद मुंशी की गिरफ्तारी के बाद, पश्चिम बंगाल स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उसकी राज्य में उपस्थिति के पीछे संभावित कारणों की जांच शुरू कर दी है। STF सूत्रों के अनुसार, मुंशी आतंकी संगठनों जैसे हिजबुल-ए-मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा को लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करता था।

पाकिस्तान में लिया विस्फोटक निर्माण का प्रशिक्षण

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मुंशी ने 1990 से अब तक पाकिस्तान की कम से कम सात यात्राएं की हैं। वह वहां छह महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुआ, जिसमें उसे इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। सूत्रों ने बताया कि उसके हैंडलर्स ने उसे भारत में बांग्लादेश के जरिए हथियारों की तस्करी के लिए नदी मार्ग की संभावनाओं का पता लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या मुंशी ने बंगाल में किसी प्रकार के ट्रेनिंग मॉड्यूल खोले थे।

आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में पहले भी रहा है संलिप्त

मुंशी का आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में पुराना इतिहास रहा है। 2011 में अहल-ए-हदीस के नेता शौकत शाह की हत्या में उसकी कथित भूमिका बताई जाती है। इसके अलावा, वह आतंकवाद से संबंधित मामलों में कई बार जेल जा चुका है। प्रारंभिक पूछताछ में मुंशी ने स्वीकार किया कि उसने फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान की कई यात्राएं की हैं। उसने यह यात्राएं अपने हैंडलर्स के निर्देश पर की थीं।

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कैनिंग से गिरफ्तारी, जम्मू-कश्मीर पुलिस को ट्रांजिट रिमांड

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुंशी कैनिंग क्षेत्र में कुछ दिन पहले पहुंचा था। 22 दिसंबर को कोलकाता की एक अदालत ने मुंशी को 31 दिसंबर तक जम्मू-कश्मीर पुलिस की ट्रांजिट रिमांड पर सौंप दिया। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर पुलिस और पश्चिम बंगाल STF के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान की गई। इस मामले की जांच से यह स्पष्ट हो सकता है कि आतंकवादी संगठन पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों का उपयोग कैसे और क्यों कर रहे हैं। STF और अन्य एजेंसियां इस दिशा में गहनता से काम कर रही हैं।

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