मैं कुरान पढ़ता हूं; वक्फ बिल पर संसद में बोले बीजेपी सांसद- ओवैसी ने मेरा नाम मौलाना रख दिया
- बीजेपी सांसद ने कहा कि जेपीसी में विटनेस आते थे...मैंने जब पूछा कि कुरान में कहां लिखा है कि संपत्ति दान नहीं की तो तुम उसे वक्फ बाय यूजर मालिकाना मान लोगे। कोई जवाब नहीं था।

लोकसभा में पास होने के बाद अब राज्यसभा में वक्फ बिल पर बहस हो रही है। संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए बीजेपी सांसद राधा मोहन अग्रवाल ने कहा कि वह भी कुरान पढ़ते हैं और दूसरे धर्म को पढ़ने में कोई भी बुराई नहीं है। बीजेपी सांसद ने दावा किया कि एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने उनका नाम मौलाना डॉ. राधा मोहन अग्रवाल रख दिया। उन्होंने बताया कि कैसे जेपीसी की बैठकों के दौरान विटनेस से उन्होंने सवाल किए तो वे कोई भी जवाब नहीं दे सके।
वक्फ बिल पर संसद में बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने कहा, ''किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति कह दो और वह खुद ही तय कर देगा कि संपत्ति उसकी (वक्फ) है या नहीं। जिस बेचारे की संपत्ति ले ली जाएगी, उसे पता भी नहीं चलेगा। अगर ट्रिब्यूनल ने फैसला बदला नहीं तो बोर्ड का ही फैसला फाइनल होगा। ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ कोई अपील भी नहीं हो सकती है। कोई अपार्टमेंट में जाकर किराए पर मकान ले ले और अपने चार मित्रों को बुलाकर नमाज पढ़ ले। यह घटना हुई है। फिर पांचवें दिन वह कह दे कि हमने यहां नमाज पढ़ी है। यह वक्फ बाय यूजर है। इसे वक्फ घोषित कर दो और फिर वह घोषित भी हो गई।''
उन्होंने आगे कहा कि यदि आपके पास बड़ी जमीन खाली पड़ी है। बगल में मुस्लिम परिवार रहता है, वह उस जमीन पर नमाज पढ़ लेते हैं और आप हिंदू हैं तो कुछ नहीं कहते। पांच-सात दिन पढ़ने के बाद वह लिखकर दे देंगे कि हम लोग इस जमीन पर नमाज पढ़ते थे और अब यह वक्फ बाय यूजर हो गई। अब इस जमीन पर किसी का कोई अधिकार नहीं रहेगा। तमिलनाडु से जुड़ा वक्फ का एक किस्सा सुनाते हुए सांसद ने बताया कि तमिलनाडु में एक रामचंद्रन नाम का आदमी अपनी लड़की की शादी के लिए अपनी जमीन बेचना चाहता था। जब वह रजिस्ट्रार के ऑफिस गया तो पता चला कि वह जमीन वक्फ को दे दी गई। जब गांव के लोग रजिस्ट्रार के वहां गए तो पता चला कि दोनों गांवों की सारी जमीन वक्फ को दे दी गई। 1500 साल पुराना मंदिर भी वक्फ को दे दिया गया।
'कुरान पढ़ने में कोई बुराई नहीं'
उन्होंने आगे कहा, ''जेपीसी में विटनेस आते थे...मैं कुरान पढ़ता हूं, कोई बुराई नहीं किसी धर्म को पढ़ने में। मैंने कुरान को कोट करके उनसे कहा कि मौलवी साहब यह बताओ, कुरान में कहां लिखा है कि हमने कोई संपत्ति दान नहीं की तो तुम उसे वक्फ बाय यूजर मालिकाना मान लोगे। किसी के पास एक भी जवाब नहीं था। ओवैसी साहब ने मेरा नाम मौलाना डॉ. राधा मोहन अग्रवाल रख दिया। इससे बड़ी मेरी जीत क्या हो सकती है। वक्फ कहता है कि हमारे पास ये सारी संपत्तियों का कोई लिखित रिकॉर्ड नहीं है। मेरे एक भी सवाल का जवाब ये लोग नहीं दे पाए। बस मेरे से कहते थे कि कुरान पढ़ते हैं, मौलाना हैं।''