मोहन भागवत के बयान पर VHP भी बोली, मुसलमानों को ऑफर दिया- काशी और मथुरा आराम से दो; वरना...
- वीएचपी के नेता ने कहा कि अयोध्या में मंदिर तो लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बना था। यह तब हुआ, जब मुस्लिम समाज ने हमारे उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। हम तो अब भी कहते हैं कि वे मथुरा और काशी आराम से हमें सौंप दें। यदि वे ऐसा करते हैं तो फिर हम अपने समाज के जागृत वर्ग को भी समझाने का प्रयास करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले दिनों कहा था कि हमें हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की जरूरत नहीं है। कुछ लोग हर जगह राम मंदिर जैसा मसला खड़ा करना चाहते हैं ताकि वे खुद को हिंदुओं के नेता के तौर पर पेश कर सकें। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि भारत कैसा समावेशी देश है और हम साथ में भी रह सकते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि बांग्लादेश आदि में किस तरह अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है। लेकिन भारत को लेकर कुछ लोग नैरेटिव बनाते रहते हैं। मोहन भागवत की ओर से मस्जिदों के नीचे मंदिर न खोजने वाली सलाह हिंदू संगठनों को ही नागवार गुजरी है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और रामभद्राचार्य ने इस पर आपत्ति जताई थी। अब विश्व हिंदू परिषद के नेता सुरेंद्र जैन का भी इस पर बयान आया है। उन्होंने सीधे तौर पर मोहन भागवत के बयान को लेकर ऐतराज तो नहीं जताया, लेकिन यह जरूर कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भारत में लाखों मंदिरों को तोड़ा और उन पर मस्जिद बनाई। उन्होंने कहा कि आज जो समस्या समाज में खड़ी है, वह भी मुस्लिमों की ही देन है। उन्होंने कहा कि संत समाज ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान ही मुस्लिम पक्ष से कहा था कि आप हमारे तीन स्थानों अयोध्या, मुथरा और काशी को सौंप दें। हम अन्य सभी दावों को छोड़ देंगे।
वीएचपी के नेता ने कहा कि अयोध्या में मंदिर तो हमारी लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बना था। यह तब हुआ, जब मुस्लिम समाज ने हमारे उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। हम तो अब भी कहते हैं कि वे मथुरा और काशी आराम से हमें सौंप दें। यदि वे ऐसा करते हैं तो फिर हम अपने समाज के जागृत वर्ग को भी समझाने का प्रयास करेंगे। लेकिन इस तरह की स्थिति में तो हम उन्हें नहीं समझा सकेंगे।
इस बीच विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि हम एक आंदोलन चलाएंगे। पूरे देश में हम मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि इस देश में कोई चर्च या फिर मस्जिद नहीं है, जो सरकारी नियंत्रण में हो। फिर भी मंदिरों को ट्रस्ट के नाम पर सरकारी नियंत्रण में रखा गया है। हम इस बात से सहमत नहीं है। इसके लिए अभियान चलाने की हमने तैयारी कर ली है।